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पुलिस को मामले की जानकारी देते परिजन
– फोटो : अमर उजाला
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बिहार में एक ओर जहां मिशन 60 के तहत अस्पतालों की व्यवस्था को सुदृढ़ करने का दावा किया जा रहा है। वहीं, दूसरी ओर नालंदा के हिलसा अनुमंडलीय अस्पताल में नवजात के इलाज में लापरवाही का मामला सामने आया है। जहां डॉक्टर के न मौजूद होने के कारण एक नवजात बच्चे की मौत हो गई। परिजन अस्पताल प्रबंधन पर नवजात की तबीयत बिगड़ने के बाद एम्बुलेंस उपलब्ध न कराने का भी आरोप लगा रहे हैं।
दरअसल, इस्लामपुर प्रखंड के खुदागंज की रहने वाले चंदन कुमार की पत्नी मधु कुमारी जो वर्तमान में अपने मायका हिलसा के खोरामपुर में रह रही हैं। उन्हें प्रसव पीड़ा होने के बाद परिजनों ने हिलसा अनुमंडलीय अस्पताल में गुरुवार की सुबह भर्ती कराया था। परिजनों ने बताया कि शाम सात बजे एक बच्ची ने जन्म लिया। प्रसव कराने के एवज में अस्पताल कर्मियों द्वारा दो हजार रुपये भी लिए गए। रात एक बजे नवजात की तबीयत अचानक बिगड़ने लगी। वहां मौजूद नर्स ने परिजनों से कहा कि बच्चे को कहीं अन्यत्र जगह इलाज के लिए ले जाएं। इतना कहकर नर्स और अन्य अस्पताल कर्मी सोने चले गए। जब परिजन नवजात को ले जाने के लिए एम्बुलेंस की मांग करने लगे तो उन्हें एम्बुलेंस भी उपलब्ध नहीं कराई गई। इसके बाद निजी एंबुलेंस को बुलाकर वे लोग बिहार शरीफ की ओर बच्ची का इलाज कराने के लिए चल पड़े। लेकिन रास्ते में ही नवजात की मौत हो गई।
इस घटना से गुस्साए परिजनों ने शुक्रवार को अस्पताल पहुंचकर जमकर हंगामा किया। हंगामा की सूचना मिलते ही हिलसा पुलिस दल बल के साथ पहुंची और आक्रोशित परिजनों को समझा-बुझाकर कार्रवाई का आश्वासन देकर मामले को शांत कराया।
नालंदा सिविल सर्जन डॉ. अविनाश कुमार सिंह ने बताया कि हिलसा अनुमंडलीय अस्पताल के उपाधीक्षक ट्रेनिंग में गए हुए हैं। जो भी जिम्मेदार होंगे उनसे घटना के बारे में विस्तृत जानकारी ली जाएगी। उसमें जिनकी भी लापरवाही साबित होगी, उन पर कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल मामले का पता लगाया जा रहा है।
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