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राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग
विस्तार
बिहार के दरभंगा जिले में एक नाबालिग लड़की के यौन उत्पीड़न के मामले में कथित तौर पर पुलिस कार्रवाई में देरी हुई। इसे लेकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने एक मीडिया रिपोर्ट के मद्देनजर बिहार सरकार और राज्य के पुलिस प्रमुख को नोटिस भेजा है। आयोग ने मंगलवार को एक बयान में यह भी कहा कि उसने छह सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
दरअसल, एनएचआरसी ने एक मीडिया रिपोर्ट पर स्वत: संज्ञान लिया है। रिपोर्ट में कहा गया कि बिहार के दरभंगा जिले में 13 वर्षीय दुष्कर्म पीड़िता की मौत तक पुलिस यह जानने में विफल रही कि उसके माता-पिता और ग्राम पंचायत ने उत्पीड़क (दुष्कर्म के आरोपी) से पीड़ित परिवार को 1.25 लाख रुपये देकर मामला रफा-दफा करने की कोशिश की थी।
आयोग के पैनल ने बयान में कहा कि कथित तौर पर, राशि प्राप्त करने के बाद पीड़िता के परिवार ने उसे यह कहते हुए आरोपी के घर भेज दिया कि कोई भी उससे शादी नहीं करेगा। बाहर निकाले जाने से पहले वह पांच दिनों तक आरोपी के साथ रही। इसके बाद, उसे उसके माता-पिता ने उसकी बड़ी बहन के घर भेज दिया। जहां एक मार्च को उसके यौन उत्पीड़न के 16 दिन बाद उसकी मृत्यु हो गई।
आयोग ने पाया है कि मीडिया रिपोर्ट की सामग्री अगर सच है, तो यह पीड़ित के मानवाधिकारों का उल्लंघन है। इसके मुताबिक, एनएचआरसी ने बिहार के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। नोटिस में आयोग ने कहा कि इसमें मामले में की गई जांच की स्थिति भी शामिल होनी चाहिए। अधिकारियों से प्रतिक्रिया जल्द से जल्द अपेक्षित है, लेकिन छह सप्ताह के बाद स्वीकार्य नहीं होगा।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, 19 मार्च को पीड़िता के साथ उसी गांव के एक व्यक्ति ने यौन उत्पीड़न किया था। जब वह दरभंगा जिले के वाजिदपुर पुलिस स्टेशन के अधिकार क्षेत्र में आने वाले इलाके में मवेशियों को चराने गई थी। उसे कोई चिकित्सा उपचार उपलब्ध नहीं कराया गया। वहीं, पुलिस ने पीड़िता के शव को कब्र से बाहर निकाला और उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
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