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एसएनसीयू वार्ड, नालंदा सदर अस्पताल
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
बिहार के नालंदा का सदर अस्पताल फिर सुर्खियों में है। आए दिन अपने कारनामों के कारण सदर अस्पताल चर्चा का विषय बना रहता है। ऐसा ही एक मामला मंगलवार को सामने आया है। जहां आशा कर्मी द्वारा नवजात बच्चे को जबरन निजी क्लीनिक में ले जाकर भर्ती करा दिया गया। जहां मंगलवार को उसकी मौत हो गई। इस घटना की शिकायत मिलने पर मामले की जांच करने उप विकास आयुक्त विकास वैभव सदर अस्पताल पहुंचे।
जानकारी के मुताबिक, रहुई प्रखंड के बड़की गोबरिया गांव निवासी राजेश पासवान की पत्नी रानी देवी (23) ने 17 जनवरी को एक बच्चे को सदर अस्पताल के प्रसव वार्ड में जन्म दिया था। इसके बाद नवाजत को सदर अस्पताल के ही एसएनसीयू वार्ड में भर्ती कराया गया। जहां से एक आशा कर्मी जबरदस्ती बच्चे को अपने साथ लेकर डॉ. अंजय कुमार के निजी क्लीनिक में चली गई। इस दौरान परिजनों से 52 हजार रुपये भी निजी क्लीनिक की ओर से लिए गए और मंगलवार को नवजात बच्चे की मौत हो गई।
सीसीटीवी फुटेज की जांच में जुटे अधिकारी
इस घटनाक्रम की शिकायत जैसे ही डीडीसी को मिली, वह जांच के लिए सदर अस्पताल पहुंचे। इस दौरान उनके साथ नालंदा सिविल सर्जन भी मौजूद रहे। पीड़ित परिवार को साथ लेकर फिलहाल अस्पताल में लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज को खंगाला जा रहा है कि आखिर किस आशा कर्मी की यह हरकत है।
यह कोई पहला मामला नहीं
सदर अस्पताल में प्रसव कराने आई महिला या नवजात बच्चे को लेकर निजी क्लीनिक में भर्ती कराने का यह कोई पहला मामला नहीं है। इसके पहले भी कई मामले सामने आ चुके हैं। लेकिन अस्पताल प्रबंधन इन मामलों को लेकर कोई रवैया साफ नहीं है और न ही किसी आरोपी या दोषी पर अब तक कोई कार्रवाई की गई।
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