Bihar : नीतीश कैबिनेट मे 8 एजेंडों पर लगी मुहर, इस विभाग में नए पद का सृजन; मेडिकल स्टूडेंट्स के लिए यह सुविधा

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Bihar cabinet : Seal on agendas, creation of new posts in departments; medical students internship opportunity

नीतीश कैबिनेट की बैठक में 8 एजेंडों पर निर्णय लिए गए।
– फोटो : अमर उजाला

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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को कैबिनेट की बैठक संपन्न हुई। इस में 8 एजेंडों पर निर्णय लिए गए। इसमें सबसे प्रमुख एजेंडा रहा कि बिहार सरकार ने बायोफ्यूल्स उत्पादन प्रोत्साहन नीति 2023 की स्वीकृति दे दी है। बिहार सरकार ने भवन निर्माण विभाग के अंदर आने वाले बिहार राज्य भवन निर्माण निगम लिमिटेड में विभिन्न श्रेणी में कुल 5 पदों का सृजन किया और आशु लिपिक के अनावश्यक कुल 53 पदों को विलोपित करने की स्वीकृति भी प्रदान कर दी है। वित्त विभाग में  इसके अलावा कैबिनेट की बैठक में बिहार अविनियमित निक्षेप स्कीम पाबंदी नियमावली 2023 को बिहार राज्य में अंगीकृत किए जाने की भी स्वीकृति दे दी गई है। 

अपर मुख्य सचिव ने बताया कि कोविड-19 और यूक्रेन-रूस वार के कारण उत्पन्न हुई उस स्थिति को देखते हुए विदेशों से मेडिकल ग्रेजुएट करने वाले छात्रों को राज्य के मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में इंटर्नशिप का मौका मिलेगा। यह बिल्कुल मुफ्त होगा। साथ ही विदेश से ग्रेजुएट करने वाले स्टूडेंट को नेशनल मेडिकल कमीशन के समरूप छात्रवृत्ति भी दी जाएगी।

बिहार बायोफ्यूल्स उत्पादन प्रोत्साहन नीति 2023 को मिली स्वीकृति

मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ सिद्धार्थ ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि उद्योग विभाग के अंतर्गत बिहार बायोफ्यूल्स उत्पादन प्रोत्साहन नीति 2023 को स्वीकृति दे दी गई है। राज्य सरकार द्वारा लागू है चुनाव प्रोत्साहन नीति 2021 के अंतर्गत केवल शत प्रतिशत एथेनॉल उत्पादन करने वाली इकाइयों को प्रोत्साहन देने का लक्ष्य रखा गया था वर्तमान में नवीकरणीय ऊर्जा के विस्तार के लिए इथेनॉल के अलावा कंप्रेस्ड बायो गैस के उत्पादन का भी प्रोत्साहन करने का विचार है इसी उद्देश्य के साथ राज्य मंत्री परिषद द्वारा बिहार बायोफ्यूल्स उत्पादन प्रोत्साहन नीति 2023 के प्रस्ताव पर स्वीकृति प्रदान की गई।

बायोफ्यूल्स के उत्पादन से कई फायदे सरकार ने गिनाए

अपर मुख्य सचिव ने बताया कि बायोफ्यूल्स के उत्पादन से जीवाश्म ईंधन के आयात पर राष्ट्रीयता निर्भरता कम होगी। इसके बाद विदेशी मुद्रा की बचत होगी। इसके उपयोग से पर्यावरण प्रदूषण भी कम होगा और किसानों को गन्ना एवं अनाज उत्पादन का शीघ्र भुगतान हो सकेगा। उन्होंने कहा कि कचरा को कंप्रेस्ड गैस में परिवर्तित करने की सुविधा प्राप्त होगी। इससे व्यापार को नया अवसर प्राप्त होगा।

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