Bihar: पूर्व डिप्टी CM और चार पूर्व मंत्रियों पर बिहार सरकार ने ठाेंका जुर्माना, बिफरे BJP विधायक, जानें मामला

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CM Nitish Kumar Bihar government imposed penalties on ex ministers of bjp govt for overstaying in bungalows

बिहार सरकार ने पूर्व उपमुख्यमंत्री समेत 5 पूर्व मंत्री पर लगाया जुर्माना।
– फोटो : अमर उजाला

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2020 के विधानसभा चुनाव में जनादेश पर बनी सरकार सरकार ने बीच में ही दम तोड़ दिया था, जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अचानक महागठबंधन का दामन थामा और उसके मुख्यमंत्री बन गए। वह घटनाक्रम एक बार फिर इसलिए चर्चा में है, क्योंकि आननफानन में सरकार बदलने के बाद जिन मंत्रियों ने सरकारी बंगलों को तत्काल नहीं छोड़ा, उन पर बिहार सरकार ने भारी जुर्माना लगाया है। बिहार विधान मंडल के मानसून सत्र के दौरान जुर्माने की यह जानकारी सामने आई है। सरकार ने बैठे-बिठाए विपक्ष को सत्र के दौरान विरोध का एक मुद्दा दे दिया है।

डिप्टी सीएम से ज्यादा मंत्री पर लगा जुर्माना

भाजपा कोटे से तत्काली सरकार में उप मुख्यमंत्री रहीं रेणु देवी पर भी जुर्माना लगा है। साथ ही जुर्माना के दायरे में पूर्व मंत्री डॉ. आलोक रंजन झा,  रामसूरत राय, जीवेश कुमार और जनक राम भी आए हैं। इन सभी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी और बिहार विधान सभा सचिवालय को पत्र लिखकर एतराज जताया है कि यह जुर्माना नाजायज है। सबसे ज्यादा जुर्माना पूर्व मंत्री आलोक रंजन पर लगाया गया है। उन्हें 1.67 लाख रुपये जमा करने को कहा गया है। पूर्व उप मुख्यमंत्री रेणु देवी को 1.26 लाख, पूर्व मंत्री जीवेश कुमार को 1.29 लाख और पूर्व मंत्री रामसूरत राय को 90,928 रुपये जुर्माना राशि जमा करने को कहा गया है। पूर्व मंत्री जनक राम पर सबसे कम 65,922 रुपये का जुर्माना लगाया गया है।

भाजपा विधायकों ने पूछा- विकल्प भी आपको ही देना था

कला, संस्कृति और युवा विभाग के पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक आलोक रंजन ने कहा कि जुर्माना राजनीतिक विद्वेष के तहत लगाया गया है। सबसे ज्यादा जुर्माना झेलने वाले आलोक रंजन ने कहा कि जब मंत्री बंगला खाली करने के समय भवन निर्माण विभाग ने बतौर विधायक आवास का विकल्प नहीं दिया था तो खाली कैसे किया जा सकता था? उनहोंने बताया कि भवन निर्माण विभाग ने नवंबर 2022 में मुझे 33, हार्डिंग रोड स्थित मंत्री बंगला खाली करने के लिए चिट्ठी भेजी, लेकिन विभाग ने कोई वैकल्पिक आवासीय सुविधा उपलब्ध नहीं कराई। रंजन ने यह भी दावा किया कि विधायक आवास आवंटित होने के तुरंत बाद उन्होंने मंत्री बंगला खाली कर दिया था, इसलिए 1.67 लाख रुपये जुर्माना सर्वथा नाजायज और राजनीतिक विद्वेष के तहत की जा रही कार्रवाई है।

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