Bihar : फर्जी जज से पैरवी कराने वाले IPS को 7 माह में नहीं ढूंढ़ सकी बिहार पुलिस, अब गिरफ्तारी पर सुप्रीम रोक

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Bihar: Supreme Court gives relief to IPS Aditya Kumar, who made fake call to DGP, will not be arrested, SSP

गया के पूर्व SSP आदित्य कुमार।
– फोटो : अमर उजाला

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बिहार पुलिस मुख्यालय द्वारा जिस IPS अफसर आदित्य कुमार की गिरफ्तारी के वारंट जारी किया था। वह करीब 7 महीने से फरार चल रहे थे। अब सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें राहत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने IPS आदित्य कुमार की गिरफ्तारी और संपत्ति की कुर्की पर रोक लगा दी है। कोर्ट 6 सप्ताह बाद इस मामले में फिर से सुनवाई करेगी। दरअसल, पटना हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत याचिका की अर्जी खारिज होने के बाद IPS आदित्य कुमार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। हालांकि, इस दौरान बिहार पुलिस IPS आदित्य कुमार की गिरफ्तारी के पटना, गाजियाबाद और मेरठ समेत कई ठिकानों पर लगातार छापेमारी कर रही थी। 

वरीय अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने आदित्य कुमार का पक्ष रखा

इधर, सुप्रीम कोर्ट में वरीय अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने आदित्य कुमार की ओर से दलीलें दी। उन्होंने कहा कि जिस शराबबंदी केस में आदित्य कुमार पर कथित तौर पर बेइमानी से क्लीन चिट हासिल करने आरोप लगा था, उस केस को कुछ समय पहले बंद कर दिया गया। वरीय अधिवक्ता ने कोर्ट से आदित्य कुमार को राहत देने की अपील की। इसके बाद कोर्ट दोनों पक्ष की दलीलों को सुनने के बाद आदित्य कुमार को राहत दे दी। कोर्ट निर्देश देते हुए कहा कि तथ्यों और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए याचिकाकर्ता आदित्य कुमार के खिलाफ कोई कठोर कार्रवाई नहीं की जाएगी।

HC चीफ जस्टिस के नाम पर बिहार के डीजीपी को कॉल करवाया था

दरअसल, निलंबित IPS अफसर आदित्य कुमार पर आरोप लगा था कि उन्होंने अपने केस की पैरवी के लिए अपने दोस्त अभिषेक अग्रवाल से पटना हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस के नाम पर बिहार के डीजीपी को कॉल करवाया था। इसके बाद फर्जीवाड़ा कर  शराब कांड को खत्म कराने के मामले में 15 अक्तूबर, 2022 को आर्थिक अपराध इकाई ने IPS आदित्य कुमार खिलाफ केस दर्ज की थी। पुलिस मुख्यालय ने IPS आदित्य कुमार को निलंबित कर दिया था। इतना ही नहीं स्पेशल विजिलेंस यूनिट ने 5 दिसंबर 2022 को 1.37 करोड़ रुपये के आय से अधिक संपत्ति का केस दर्ज किया था।  इसके बाद उनकी गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी कर रही थी।

 

 

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