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पूरे मामले की जानकारी देते परिजन
– फोटो : अमर उजाला
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बिहार स्वास्थ्य विभाग एक तरफ जहां मरीजों को शत-प्रतिशत स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने का दवा कर रहा है। वहीं, दूसरी तरफ जिले में एम्बुलेंस के अभाव में कई मरीजों की मौत हो रही है। आखिर इन मौतों का जिम्मेदार कौन है। कहीं तेल की वजह से एम्बुलेंस बंद पड़ रही हैं, तो कहीं एम्बुलेंस कर्मी की लापरवाही से मरीज की मौत हो रही है।
इसी बीच बेतिया में एक बार फिर एम्बुलेंस के अभाव में एक मरीज की मौत हो गई। मरीज की मौत के बाद परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। मामला बगहा पुलिस जिले के कमलनाथ तिवारी अनुमंडलीय अस्पताल का है। वहीं, मृतक की पहचान नगर थाना क्षेत्र के छोटकी पट्टी गांव निवासी चुन्नीलाल शाह के बेटे जगत शाह (45) के रूप में की गई है।
जानकारी के अनुसार, सोमवार की अहले सुबह 5:30 बजे जगत साह पैरालीसिस के शिकार हो गए। उसके बाद परिजन उन्हें आनन-फानन में इलाज के लिए अनुमंडलीय अस्पताल बगहा ले गए। जहां उनका प्राथमिक इलाज किया गया। वहीं, प्राथमिक उपचार के बाद चिकित्सा पदाधिकारी विद्यानंद पाल ने मरीज की गंभीर स्थिति को देखते हुए बेतिया जीएमसीएच रेफर कर दिया।
परिजन प्रमोद शाह ने बताया कि डॉक्टर के रेफर करने के तुरंत बाद मेरे द्वारा एम्बुलेंस को फोन किया गया। ताकि हम लोग मरीज को बेहतर इलाज के लिए जीएमसीएच बेतिया ले जा सकें। लेकिन फोन करने के तीन घंटे बाद भी एंबुलेंस नहीं पहुंची। धीरे-धीरे मरीज की स्थिति नाजुक होती गई और वह तड़पता रहा। लेकिन इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं था। एम्बुलेंस कर्मी ने आने के लिए 10 से 15 मिनट का समय दिया। लेकिन तीन घंटे बीत जाने के बाद भी उसकी झलक तक देखने को नहीं मिली और तड़पते-तड़पते मेरे मरीज की मौत हो गई।
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