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शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने रामचरित्र मानस पर दिए विवादित बयान पलटे,
– फोटो : अमर उजाला
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बिहार के शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर अपने विवादित बयान से पलटी मारी है। उन्होंने कहा कि मोहन भागवत ने कई बार मेरे बातों के समर्थन कहा है कि पुराने शास्त्र में कुछ गलत चीजों को जोड़ा गया है। लेकिन मैंने कह दिया तो मेरे जीभ की कीमत 10 करोड़ हो गई। वहीं, कहा कि मैं यहां आया हूं, शिक्षा के मंदिर में। मैं जो बोला हूं आप लोगों ने सुना है। शैक्षणिक वातावरण में शिक्षा का काम करने आया हूं। उन्होंने कहा कि मैं कब भगवान के खिलाफ हो गया। कहीं भी वक्तव्य में देखिए। मैंने भगवान ईश्वर के खिलाफ नहीं बोला। उन्होंने चुनौती देते हुए कहा की भगवान और ईश्वर के खिलाफ कहीं भी बोला हूं तो वे मुझे दिखा दें।
शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर बुधवार की शाम शहर के एसआरके गोयनका कॉलेज में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के समापन समारोह में शामिल होने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने भाषण में कहां- बिहार में दो से तीन माह में होने वाली करीब ढ़ाई लाख शिक्षकों की बहाली विश्वस्तरीय कीर्तिमान होगा। उन्होंने कहां कि माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षकों के कमी को पूरा करने के लिए कैबिनेट में अलग से लगभग 70 हजार शिक्षकों का बहाली की स्वीकृति की सहमति हुई है। सरकार ने पूरी पारदर्शिता के साथ बिना किसी शिकायत का बीपीएससी की माध्यम से शिक्षक भर्ती परीक्षा आयोजित हुई। इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री और उपमंत्री की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि उच्चत्तर संस्थानों में उच्चत्तर शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए सरकार प्रयासरत है, लेकिन मामला न्यायालय वादों में फंसा है। इसके कारण छह माह से बहाली नहीं हो सकी है।
प्रो. चंद्रशेखर ने कहा कि थोड़ा सा धीरज रखिए। उच्चतर संस्थानों में हजारों शिक्षकों की बहाली होनी है। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। इसलिए बेहतर शिक्षकों की बहाली कर ली है। 90 के दशक के तहत पुन राज्य के उच्च शिक्षण संस्थानों में व्याख्याताओं की बहाली के लिए राज्य सरकार परीक्षा आयोजित करेगी। इसकी तैयारी चल रही है। राज्य में पहली बार मुख्यमंत्री के प्रयास से शोधार्थी छात्रों के आर्थिक कमी को दूर करने के लिए मुख्यमंत्री फेलोशिप योजना शुरू होने जा रही है। इसकी स्वीकृति उच्च शिक्षा परिषद की बैठक में मिल गई है। वहीं, अतिविशिष्ट अतिथि सूचना प्रावैद्यिकी विभाग मंत्री मो. इसराइल मंसूरी ने कहा कि भारत में शासन, लोकतंत्र और विकास, तीनों एक दूसरे के पूरक है।
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