[ad_1]

परिवाद दायर करने वाले कानून की पढ़ाई करने वाले दोनों छात्र
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
सनातन धर्म पर बयान देने के बाद भड़के विवाद के कारण तमिनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे और राज्य सरकार में मंत्री उदयनिधि स्टालिन की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। उनके खिलाफ बेतिया व्यवहार न्यायालय में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय में कानून के दो विद्यार्थियों रवि प्रकाश मिश्र और अंकित देव ने परिवाद दायर कराया है।
दायर परिवाद में कहा गया कि दो सितंबर को उदयनिधि स्टालिन द्वारा सनातन को बीमारी बताया गया था। उसका समर्थन ए राजा और कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे प्रियांक खड़गे ने भी किया था। साथ ही इन लोगों ने इसे और अन्य लोगों से तुलना की है। इसे समाप्त करने की बात कही, जिसको टीवी पर देखकर बहुत दु:ख हुआ। इससे उनकी धार्मिक भावनाओं के साथ-साथ व्यक्तिगत विश्वास को भी ठेस पहुंची है।
परिवाद में यह भी कहा गया है कि स्टालिन ने अपना धर्म बदल लिया है। लेकिन उन्हें ऐसे बयान नहीं देना चाहिए, जिसका असर समाज पर पड़े। उनकी धार्मिक भावनाओं पर विवादित बयान देने से छात्र और युवा प्रभावित होंगे। संभव है कि वे इन बड़े नेताओं के प्रभाव में भी आ जाएं। सनातन का मार्ग छोड़ कर अन्य रास्तों पर चलने लगें। वहीं, दोनों कानून के छात्रों ने इस मुद्दे पर जिला विधिज्ञ संघ अध्यक्ष अधिवक्ता एगेंद्र मणि मिश्रा के समक्ष भी अपनी बात रखी है।
[ad_2]
Source link