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सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक।
– फोटो : अमर उजाला
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दो नवंबर को शिक्षक नियुक्ति पत्र वितरण समारोह में गांधी मैदान से सीएम नीतीश कुमार ने एलान किया था कि नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा दिया जाएगा। इस एलान के बाद 26 दिसंबर को कैबिनेट की बैठक में बिहार विद्यालय विशिष्ट शिक्षक नियमावली 2023 को मंज़ूरी दे दी गई। यानी अब नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा मिल जाएगा। इसका लाभ करीब पौने चार लाख नियोजित शिक्षकों को मिलेगा। हालांकि, सरकार को इस एजेंडे पर मुहर लगाने में काफी समय लग गया। क्योंकि सितंबर और अक्टूबर माह में ही बिहार विद्यालय विशिष्ट शिक्षक नियमावली 2023 को मंज़ूरी देने की चर्चा थी। मंगलवार को सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में सचिवालय में कैबिनेट की बैठक की गई। इसमें बिहार विद्यालय विशिष्ट शिक्षक नियमावली 2023 समेत 29 एजेंडों पर मुहर लगा दी गई।
लोकसभा चुनाव से पहले महागठबंधन सरकर ने मास्टर स्ट्रोक खेला है
वहीं राजनीतिक पंडितों का कहना है कि लोकसभा चुनाव से पहले महागठबंधन सरकर ने बड़ा फैसला लिया है। सीएम नीतीश कुमार मास्टर स्ट्रोक खेला है और नियोजित शिक्षकों की मांग पूरी कर दी है। हालांकि, कई नियोजित शिक्षकों का कहना है कि विशिष्ट शिक्षक शब्द से उन्हें आपत्ति है। सरकार परीक्षा पास करने की बात कह रही है, यह भी उचित नहीं है। हमलोग इतने दिन से कार्य कर रहे हैं। हमारे काम और शैक्षणिक रिकॉर्ड को देखकर भी सरकार सीधे तौर पर राज्यकर्मी का दर्जा दे सकती है। इसमें परीक्षा पास करने का प्रावधान जोड़ दिया गया है। सरकार को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए।
जानिए, क्या कहती है बिहार विद्यालय विशिष्ट शिक्षक नियमावली नियमावली
नियमावली के प्रस्तावना में बताया गया है कि स्थानीय निकायों द्वारा नियुक्त शिक्षकों को बिहार राज्य विद्यालय शिक्षक (नियुक्ति, स्थानांतरण, अनुशासनात्मक कार्यवाही एवं सेवा शर्त) नियमावली 2023 के तहत नियुक्त किए गए शिक्षकों के बराबर लाने के लिए यह नियमावली बनाई गई है। नियमावली का नाम बिहार विद्यालय विशिष्ट शिक्षक नियमावली 2023 रखा गया है। नियमावली में स्पष्ट किया गया है कि विशिष्ट शिक्षक का मतलब ऐसे सभी शिक्षक जिन्हें स्थानीय निकायों द्वारा नियोजित किया गया है और जो संबंधित स्थानीय निकाय शिक्षक नियमावली 2020 के अंतर्गत आते हैं। इनमें पुस्तकालयाध्यक्ष और शारीरिक शिक्षक भी शामिल हैं। स्थानीय निकाय के विभिन्न स्तरों पर नियुक्त सभी शिक्षक अब विशिष्ट शिक्षक कहलाएंगे। विशिष्ट परीक्षा जिसका नाम सक्षमता परीक्षा रखा गया है, में उत्तीर्ण होने के बाद जिला स्तर पर इनका एकल संवर्ग होगा। आज की तारीख तक किसी नियोजित शिक्षक के खिलाफ अगर कोई अनुशासनिक कार्रवाई, सतर्कता जांच या कोई अन्य अन्वेषण चल रहा है तो वह नियमावली के तहत भी जारी रहेगा। इसके साथ ही यह भी तय कर दिया गया है कि विशिष्ट शिक्षक सेवा के सेवा निवृत्त या इस्तीफा या बर्खास्त होने के बाद स्थानीय निकाय उसे खाली पद पर नियोजन नहीं कर सकेगा।
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