[ad_1]

जनता की जाति के हिसाब से देखें मंत्रियों का जातिगत आंकड़ा।
– फोटो : agency
विस्तार
46 दिन पहले जिस जाति का बिहार की सरकार में बोलबाला था, उसे उम्मीद जरूर रही होगी कि अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मंत्रिमंडल का विस्तार करें तो वापस स्थिति कुछ ठीक हो। लेकिन, ऐसा हुआ नहीं। सबसे बड़ी आबादी वाली यादव जाति के मंत्री एक ही रह गए। सवर्ण जातियों को फायदा मिला, इसमें कोई शक नहीं। कई पिछड़ी जातियों को भी उम्मीद से अधिक मिल गया।
अकेले 14 प्रतिशत से ज्यादा आबादी, मंत्री सिर्फ एक
28 जनवरी को नई सरकार के गठन के समय मुख्यमंत्री समेत नई सरकार में नौ मंत्री बनाए गए थे। इसमें 14.26 फीसदी आबादी वाली यादव जाति से केवल एक मंत्री बने थे- जदयू कोटे के सुपौल विधायक बिजेंद्र प्रसाद यादव। शुक्रवार को हुए मंत्रिमंडल विस्तार में किसी नए यादव को जगह नहीं मिली।
दुसाध-चमार पर दोनों दलों ने दिया ध्यान
बिहार की जाति आधारित जनगणना ने बताया कि राज्य में दूसरे और तीसरे नंबर की जाति दुसाध और चमार है। सत्तारूढ़ दोनों दलों ने इसका ख्याल रखा है। दुसाध (पासवान) जाति की आबादी 5.31 प्रतिशत बताई गई थी। इस जाति पर भी भाजपा-जदयू, दोनों ने ध्यान दिया। भाजपा ने हरसिद्धी पूर्वी चंपारण के विधायक कृष्ण नंदन पासवान और जदयू ने कल्याणपुर समस्तीपुर के विधायक महेश्वर हजारी को शपथ दिलाई। 5.25 प्रतिशत आबादी वाली चमार जाति को भाजपा और जदयू दोनों ने मौका दिया है। भाजपाई एमएलसी जनक राम और भोरे गोपालगंज से जदयू विधायक सुनील कुमार को मंत्रीपद की शपथ दिलाई गई।
सम्राट समेत अब तीन कुशवाहा मंत्री
कोइरी जाति से भाजपा कोटे के एमएलसी सम्राट चौधरी उप मुख्यमंत्री की भूमिका में पहले से हैं। अब एक और कोइरी बछवाड़ा बेगूसराय के विधायक सुरेंद्र मेहता को भाजपा ने जगह दी। जदयू ने भी अपने लव-कुश समीकरण को ध्यान में रखते हुए अमरपुर बांका के विधायक जयंत राज को मंत्रिमंडल में जगह दी। कोइरी के लिए राजनीतिक भाषा में ‘कुश’ शब्द प्रचलित है, यानी कुशवाहा। जातीय जनगणना की रिपोर्ट में कोइरी की आबादी 4.21 फीसदी बताई गई थी।
अगड़ों में ब्राह्मण-राजपूत फायदे में
3.65 प्रतिशत आबादी वाले ब्राह्मणों को मंत्रिमंडल विस्तार में जगह मिली। भाजपा एमएलसी मंगल पांडेय और झंझारपुर के भाजपा विधायक नीतीश मिश्रा को शपथ दिलाई गई। सरकार गठन के समय कोई ब्राह्मण मंत्री नहीं थे। जातीय जनगणना में राजपूतों की आबादी 3.45 फीसदी बताई गई। नई सरकार के गठन के समय इस जाति के एक मंत्री सुमित कुमार सिंह थे। यह चकाई जमुई से निर्दलीय हैं। मंत्रिमंडल विस्तार में तीन और राजपूतों को जगह मिली। छातापुर सुपौल के विधायक नीरज कुमार सिंह बबलू और एमएलसी संतोष सिंह को भाजपा ने जगह दी, जबकि धमदाहा पूर्णिया की विधायक लेशी सिंह जदयू कोटे से शामिल हुईं। इस तरह राजपूतों की संख्या नीतीश मंत्रिमंडल में चार हो गई है।
मुसहर जाति से अब दो मंत्री
जातीय जनगणना की रिपोर्ट में 3.08 प्रतिशत आबादी मुसहर की है और मौजूदा सरकार में बतौर घटक दोबारा एंट्री लेने वाले हिन्दुस्तानी आवामी मोर्चा- सेक्युलर के संतोष कुमार सुमन उर्फ संतोष मांझी इसी जाति के हैं। यह सरकार गठन के समय मंत्री बने थे। पिछली सरकार में इन्होंने जब कुर्सी छोड़ी थी तो रत्नेश सादा को उनकी जगह पर लाया गया था। अब दोनों इस सरकार में मंत्री हैं।
कद्दावर मंत्रियों में भूमिहार, सीएम कुर्मी; संख्या नहीं बढ़ी
भूमिहारों (सवर्ण) को बिहार में 2.89 प्रतिशत बताया गया था। मंत्रिमंडल में इस जाति के भाजपाई डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा और जदयू कोटे के विजय कुमार चौधरी पहले से हैं। किसी नए को शामिल नहीं किया गया है। इसके बाद 2.87 प्रतिशत आबादी वाली कुर्मी जाति का प्रतिनिधित्व स्वयं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और मंत्री श्रवण कुमार कर रहे हैं। मतलब, इस जाति से सीएम और एक मंत्री हैं। दोनों जदयू से हैं। इस जाति से भी नए किसी को मंत्रिमंडल में जगह नहीं दी गई है।
मल्लाह, वैश्य, धानुक, नोनिया की उम्मीद पूरी, कहार पहले से
जातीय जनगणना में 2.60 प्रतिशत आबादी मल्लाह की बताई गई थी। भाजपा और जदयू ने मंत्रिमंडल विस्तार में इस जाति पर ध्यान दिया। भाजपा ने विधान पार्षद हरी सहनी, जबकि जदयू ने बहादुरपुर दरभंगा के विधायक मदन सहनी को मंत्रिमंडल में जगह दी। 2.31 प्रतिशत जनसंख्या और भाजपा के कोर वोट बैंक के रूप में प्रसिद्ध बनिया-वैश्य को मंत्रिमंडल विस्तार में आखिर संतोषजनक जगह मिल गई। भाजपा एमएलसी दिलीप जायसवाल और कुढ़नी मुजफ्फरपुर के विधायक केदार प्रसाद गुप्ता को शपथ दिलाई गई। 2.13 प्रतिशत आबादी वाले धानुक समाज से फुलपरास मधुबनी की जदयू विधायक शीला मंडल को मंत्रिमंडल में वापस जगह मिली है। 1.91 प्रतिशत आबादी वाली नोनिया जाति से भाजपा की महिला विधायक (बेतिया, पश्चिम चंपारण) रेणु देवी को जगह मिली है। मंत्रिमंडल सदस्यों में भाजपाई डॉ. प्रेम कुमार चंद्रवंशी कहार जातीय समूह से आते हैं। यह अति पिछड़ी जाति है। जातीय जनगणना में इस जाति की आबादी 1.64 बताई गई थी। नए किसी कहार को विस्तार में जगह नहीं मिली है।
एक प्रतिशत से कम वाली आबादी से एक-एक मंत्री
जातीय जनगणना में 0.98 आबादी पासी जाति की बताई गई थी। इस जाति के जदयू एमएलसी डॉ. अशोक चौधरी को मंत्रिमंडल में वापस जगह मिली है। 0.75 फीसदी आबादी वाले सवर्ण मुस्लिम वर्ग की पठान आबादी को मो. जमा खान के रूप में दोबारा मंत्रिपद मिला है। वह जदयू से चैनपुर कैमूर के विधायक हैं। जातीय जनगणना में कायस्थों (सवर्ण) की आबादी महज 0.60 प्रतिशत बताई गई थी। सरकार गठन के समय तो किसी को मौका नहीं मिला, लेकिन अब बांकीपुर पटना के भाजपा विधायक नितिन नवीन को शपथ दिलाई गई।
[ad_2]
Source link