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जातीय जनगणना पर सर्वदलीय बैठक के बाद विजय सिन्हा ने बहुत कम की बात।
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
सोमवार को जारी बिहार के जातिगज जनगणना के आंकड़ों पर सर्वदलीय बैठक बहुत हंगामेदार नहीं रही। इस बैठक में वही सारे दल थे, जो 2019 में इसके प्रस्ताव पर मुहर लगाने वाले थे। भाजपा तब सरकार में थी और यह प्रस्ताव ही सरकार का था, जिसे तब विपक्ष का साथ मिला था। यही कारण रहा कि मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में जातिगत जनगणना के आंकड़ों पर हुई सर्वदलीय बैठक कुल मिलाकर शांति से हो गई। भाजपा की ओर से इस बैठक में विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा और विधान परिषद् में नेता प्रतिपक्ष हरि साहनी पहुंचे थे। विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि मुख्यमंत्री और तमाम नेताओं के सामने यह बात रखी गई कि कई वर्ग-समुदाय के लोग इन आंकड़ों के प्रति अविश्वास जता रहे हैं। इन्हें आपत्ति दर्ज कराने का मौका दिया जाना चाहिए। सिन्हा ने कहा कि मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को ताकीद की है कि आपत्तियों को समझ कर शीतकालीन सत्र तक इसे सुलझा लें।
आपत्ति का अवसर मिले, निष्पादन भी हो
भाजपा नेता ने बताया कि “सर्वदलीय बैठक में हमलोगों ने अपनी आपत्तियों को दर्ज कराया। उन्हें बताया कि खामी और कमी क्या रह गई है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को कहा कि इसे देख लीजिए।” आंकड़ों से छेड़छाड़ को लेकर क्या कहा, इस सवाल के जवाब में सिन्हा ने कहा- “आपत्ति सिर्फ हमारी नहीं। सब लोग उठा रहे हैं। पूर्व डिप्टी सीएम, विधान परिषद् के नेता ने भी आपत्ति की है। हमने कहा कि इसपर आपत्ति दर्ज कराने का अवसर मिलाना चाहिए।” कायस्थों को 0.6 प्रतिशत रखे जाने और किन्नरों की संख्या कम किए जाने को लेकर क्या बात हुई, इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा- “आपत्ति का अवसर मिलना ही चाहिए। अलग-अलग समाज के लोग सवाल उठा रहे हैं। उन्हें आपत्ति का अवसर भी मिलना चाहिए और निष्पादन भी होना चाहिए। यही बात वहां रखी है।”
बैठक में बाकी दल आंकड़े देखते रहे
भाजपा को छोड़ बाकी दलों के नेताओं ने आंकड़े ही देखे और इस जनगणना के लिए सरकार को बधाई दी। भाजपा ने जब इन आपत्तियों का जिक्र किया तो मुख्यमंत्री ने ही जवाब दिया। बाकी नेताओं ने बैठक के दौरान सरकार के प्रेजेंटेशन पर ही ध्यान दिया और आंकड़ों को समझने पर ही समय दिया। बैठक में उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, मंत्री विजय कुमार चौधरी व विजेंद्र यादव, पूर्व मुख्यमंत्री व हिन्दुस्तानी आवामी मोर्चा के प्रमुख जीतन राम मांझी, कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद खान, असद्दुदीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के इकलौते विधायक अख्तरुल ईमान, सीपीएम के अजय कुमार, सीपीआईएमएल के महबूब आलम, सीपीआई के सूर्यकांत पासवान आदि नेता मौजूद रहे।
आंकड़ों पर क्या मिली जानकारी
बैठक में सामान्य प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव डॉ. बी. राजेन्दर ने बिहार जाति आधारित गणना 2022 की रिपोर्ट का प्रस्तुतीकरण दिया। इस दौरान उन्होंने सभी बिन्दुओं पर विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने जाति आधारित गणना हेतु कर्मी का पदसोपान, जाति आधारित गणना के चरण, हिन्दू, मुस्लिम, सिख, इसाई, बौद्ध, जैन आदि अन्य धर्म के लोगों की विवरणी, पिछड़ा वर्ग, अत्यंत पिछड़ा वर्ग, अनूसूचित जाति, अनूसूचित जनजाति, अनारक्षित की कोटिवार संक्षिप्त विवरणी जाति आधारित गणना प्रपत्र में उल्लेखित शैक्षणिक योग्यता, आवासीय स्थिति, धर्म, अस्थायी प्रवासीय स्थिति, वैवाहिक स्थिति, आयु, लिंग, जाति का नाम एवं कोड, परिवार के सदस्यों के नाम, परिवार के प्रधान के साथ संबंध, कृषि भूमि, मोटर यान, आवासीय भूमि कार्यकलाप, पति / पिता का नाम, सभी स्त्रोतों से मासिक आय सहित कुल 17 प्रश्नों की विवरणी के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।
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