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अस्पताल का औचक निरीक्षण
– फोटो : अमर उजाला
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उत्तर बिहार के सबसे बड़े अस्पताल डीएमसीएच के इमरजेंसी वार्ड और आईसीयू का विधानसभा के आंतरिक समिति के पांच सदस्यीय टीम में भाजपा के पूर्व मंत्री जीवेश कुमार, प्रधान महासचिव राष्ट्रीय जनता दल मोरवा विधायक रणविजय साहू, नंद किशोर यादव, अजय कुमार और रामरतन सिंह ने औचक निरीक्षण किया। इमरजेंसी वार्ड में इलाज करा रहे मरीजों और उनके परिजनों ने अस्पताल की कुव्यवस्था के विषय में जानकारी दी। समिति में आए जाले के विधायक जीवेश कुमार ने कहा कि मरीजों और उनके परिजनों से लगातार कुव्यवस्था की शिकायत रही थी।
डीएमसीएच के इमरजेंसी वार्ड का निरीक्षण करने के बाद पूर्व मंत्री जीवेश कुमार ने कहा कि डीएमसीएच के इमरजेंसी वार्ड का भवन ही इमरजेंसी में पड़ा है। उस भवन का इलाज होना ही सबसे पहले जरूरी है। उन्होंने कहा कि दूर-दूर से आने वाले मरीजों को मुफ्त में मिलने वाली इमरजेंसी की दवा भी नहीं उपलब्ध है। मरीजों को महंगी दवाइयां लिख दी जाती हैं और डॉक्टर उन्हें बाहर से खरीद कर लाने को कहते हैं। बहुत ही बत्तर स्थिति अस्पताल की पाई गई है। जो दवा अस्पताल में उपलब्ध भी है, उन दवाइयों को भी मरीज बाहर से खरीद कर ला रहे हैं। जो दवा 350 रुपये में उपलब्ध है, उसके बदले 900 रुपये की दवा मरीजों को बाहर से ख़रीदकर लाने को कहा जा रहा है। पूरे अस्पताल की स्थिति जर्जर हो गई है।
इधर, समिति के सदस्य राजद के मोरवा विधायक रणविजय साहू ने कहा कि पूरे अस्पताल का निरीक्षण किया गया है। उन्होंने कहा, मरीजों की समस्या को सुना गया है। सरकार से कुव्यवस्था की बात को रखेंगे। टीम ने डीएमसीएच, डीएमसीएच के आपातकालीन विभाग इमरजेंसी में पहुंचकर वहां के स्थिति का जायजा लिया। उसके बाद सीटी स्कैन एवं एमआरआई सेंटर के अलावा डीएमसीएच के मेडिसिन आईसीयू विभाग और मेडिसिन विभाग सहित अन्य कई विभाग में पहुंचकर मरीजों का हाल जाना। इलाज व्यवस्था की स्थिति को पूछा, वहीं दवा वगैरा की भी पूछताछ की गई, जहां कई कमियां पाई गई हैं। निरीक्षण टीम के सभी पांच सदस्यों ने डीएमसीएच अधीक्षक डॉ अलका झा के बैठक किया। जानकारी के अनुसार, सदस्यों डीएमसीएच की व्यवस्था में तत्काल सुधार लाने को कहा है।
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