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इसी गाड़ी से चलते हैं लालू प्रसाद यादव
– फोटो : अमर उजाला
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20 दिन काफी होता है, अगर किसी गाड़ी का फिटनेस फेल हो और उसे वापस फिट करवाना हो तो। गाड़ी पर राज्य के सबसे बड़े वीआईपी चलते हैं, इसलिए वह फिट तो दिखती है… लेकिन फिटनेस सर्टिफिकेट फेल है। बीमा कराना तो उससे भी ज्यादा आसान है। लंबे समय से इंश्योरेंस फेल है तो प्रावधान के अनुसार बीमा कंपनी की ओर से भौतिक निरीक्षण के बाद इंश्योरेंस होता है। यह भी दो-तीन दिन का ज्यादा-से-ज्यादा खेल है। और, प्रदूषण सर्टिफिकेट हासिल करना तो कुछ मिनट में संभव है। ‘अमर उजाला‘ ने 08 नवंबर की शाम यह मामला सामने लाया था कि राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव जिस गाड़ी से मुख्यमंत्री आवास तक घूम आ रहे, उसके पास न तो फिटनेस प्रमाणपत्र है, न इंश्योरेंस और न ही नियंत्रित प्रदूषण। खबर प्रकाशित होने के अगले दिन 9 नवंबर को इस गाड़ी के लिए नियंत्रित प्रदूषण का प्रमाणपत्र (PUC) तो बनवा लिया गया, लेकिन बाकी की जरूरत नहीं समझी गई।
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