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राधा चरण साह
– फोटो : अमर उजाला
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बिहार के आरा में एमलसी राधा चरण साह की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। 26 साल पुराने केस में दुबारा सुनवाई करने का आदेश कोर्ट ने दिया है। ईडी की कार्रवाई में फंसे जदयू एमएलसी राधा चरण साह के 26 साल पुराने मामले में एमएलसी के खिलाफ आरा कोर्ट ने संज्ञान लिया है। आरा जिला जज ने 26 साल पुराने मामले की दुबारा सुनवाई के लिए कोर्ट को निर्देश दिया है।
क्या है मामला
जदयू एमएलसी पर साल 1997 में समता पार्टी के जुलूस के दौरान गोलीबारी का आरोप है। इस मामले में जदयू एमएलसी के भाई शत्रुघ्न सिंह और बेटे कन्हैया पर भी गोलीबारी का आरोप है। 3 मई 1997 को समता पार्टी के जुलूस पर तीनों ने अपने साथियों के साथ मिलकर फायरिंग की थी। इस मामले में पूर्व भाजपा नेता सुरेंद्र सिंह ने आरा कोर्ट में रिवीजन पिटीशन दाखिल किया था, जिस पर जल्द दोबारा सुनवाई शुरू होगी। उस मामले में जदयू एमएलसी पर आर्म्स एक्ट सहित कई संगीन धाराएं लगे थे। समता पार्टी के जुलूस के दौरान गोलीबारी की घटना को लेकर साल 1997 में आरा के नगर थाने में 113/1997 केस दर्ज कराया गया था। आरा कोर्ट में एमएलसी के खिलाफ केस करने वाले शिकायतकर्ता समता पार्टी के पूर्व नेता सुरेंद्र सिंह के अनुसार घटना के बाद पुलिस ने घटनास्थल पर से हथियार बरामद किया था। इसके बाद एमएलसी और अन्य आरोपियों पर जान से मारने और आर्म्स एक्ट सहित कई संगीन धाराएं लगी थी, लेकिन राधाचरण साह ने रुपयों की ताकत और राजनीतिक दवाब के बदौलत अपने ऊपर लगे उन गंभीर धाराओं को हटवा दिया था।
14 दिनों की न्यायिक हिरासत में हैं राधा चरण साह
पिछले महीने पीड़ित समता पार्टी के पूर्व नेता सुरेंद्र सिंह ने जिला एवं सत्र न्यायाधीश की कोर्ट में रिवीजन पिटीशन दाखिल किया था। इसके बाद जिला जज ने मामले को एक बार फिर जदयू एमएलसी राधा चरण साह और अन्य आरोपियों के खिलाफ सभी गंभीर धाराओं के साथ मामले की सुनवाई का आदेश जारी किया है। इस तरह जदयू एमएलसी राधा चरण साह की मुश्किलें अब बढ़ सकती हैं।
ईडी ने किया था गिरफ्तार
13 सितंबर को ईडी की टीम ने राधाचरण साह को आरा के फार्म हाउस से पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर पटना ले गई थी। इसके बाद उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में बेउर जेल भेज दिया था। फिलहाल राधाचरण साह को 11 अक्टूबर तक जेल में रहना होगा।
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