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सजायाफ्ता राज बल्लभ यादव
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
उस समय राज बल्लभ नवादा से राजद के एमएलए थे। नालंदा जिले में 6 फरवरी 2016 को बिहार के पूर्व श्रम राज्यमंत्री और नवादा से विधायक रहे राजबल्लभ एक नाबालिग लड़की को अपने आवास पर बुलवाकर उसके साथ जबरन दुष्कर्म किया। पीड़िता ने थाना में दिए गये आवेदन में बताया कि इस शख्स ने घर पर बुलाकर जबरन मेरे साथ रेप किया। रेप करने के बाद सुलेखा नाम की महिला ने पीड़िता को 30 हजार रुपए दिए और साथ ही मुंह बंद रखने की धमकी भी दी। लेकिन पीड़िता ने आरोपी के खिलाफ 9 फरवरी को मामला दर्ज करवाया। मामला दर्ज होते ही पुलिस हरकत में आई और राजबल्लभ की तस्वीर दिखाते हुए आरोपी की शिनाख्त करवाई। शिनाख्त होते ही डीआईजी ने राजबल्लभ की गिरफ्तारी के आदेश दिए। डीआईजी के निर्देश पर फॉरेंसिक टीम घटनास्थल पर पहुंची और जांच पड़ताल शुरू हुई। 15 फरवरी को राजद ने राजबल्लभ को पार्टी से हटा दिया। वहीं कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज करते हुए, विधायक राजबल्लभ प्रसाद के खिलाफ सर्च वारंट जारी किया। 23 दिन तक फरार रहने के बाद 10 मार्च को राजबल्लभ कोर्ट में सरेंडर कर दिया।
इस वजह से मिला है पेरोल
जेल प्रशासन के अनुसार उन्हें पेरोल बीमार मां का इलाज कराने के लिए मिला है। रविवार 6 अगस्त को वह पटना के बेऊर जेल से बाहर आए हैं और 22 अगस्त तक वह जेल से बाहर रहेंगे। उन्हें पे रोल मिलने पर परिजनों के साथ साथ उनके समर्थकों में भी काफी खुशी है। लगभग 7 वर्षों से अधिक समय तक जेल में रहने के बाद राज बल्लभ कुछ दिनों के लिए बाहर निकले हैं। स्थानीय लोगों का कहना हैं कि राजबल्लभ काफी समय से पेरोल पर बाहर निकलना चाह रहे थे लेकिन, जिला प्रशासन उनकी चाहत पर सख्त पाबंदी लगाये हुए था की।
पहले भी मिला है पेरोल
राज बल्लभ यादव इससे पहले भी पेरोल पर जेल से बाहर आये थे। इनके पिता जेहल प्रसाद के निधन के बाद इन्हें पेरोल मिला था। फिर इसके बाद उच्च न्यायालय से जमानत भी मिली थी। उस समय केस का ट्रायल चल रहा था और जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट ने पेटीशन रद्द कर दिया था।
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