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नालंदा में निकाली गई 701 फुट की कांवड़ यात्रा
– फोटो : अमर उजाला
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बिहार के नालंदा के एकंगरसराय से मां काली कांवड़िया संघ के तत्वाधान में शनिवार को 701 फुट की कांवड़ यात्रा निकाली गई। कांवड़ यात्रा में सैकड़ों कांवड़िया शुक्रवार की शाम एकंगरसराय से निकल कर पटना के फतुहा स्थित त्रिवेणी धाम पहुंचे। जहां से कांवड़ में गंगाजल भर कर शनिवार को 701 फुट की कांवड़ लेकर फतुहा से होते हुए दनियावां, हिलसा मार्ग से एकंगरसराय पहुंचे। फिर वहां से कांवड़ियों का जत्था अपने गंतव्य जहानाबाद के वानावर स्थित बाबा सिद्धेश्वर नाथ मंदिर में जलाभिषेक करने के लिए प्रस्थान कर गया। वहीं, इसके पूर्व कांवड़ यात्रा जैसे ही एकंगरसराय पहुंची तो लोगों ने भव्य रूप से स्वागत किया।
कांवड़ यात्रा के आयोजक सह एकंगरसराय पैक्स अध्यक्ष अरुण सिंह और संरक्षक राजीव प्रसाद सिंह ने बताया कि 25 अगस्त को देर शाम एकंगरसराय काली स्थान से कांवड़ लेकर सैकड़ों श्रद्धालु विभिन्न वाहनों के जरिए फतुहा त्रिवेणी घाट पहुंचे। उसके बाद 26 अगस्त को अहले सुबह कांवड़ के साथ यह यात्रा प्रारंभ हुई, जो फतुहा, दनियावां, हिलसा, एकंगरसराय, इस्लामपुर होते हुए 26 अगस्त की रात को हुलासगंज में विश्राम करेगी। उसके बाद 27 अगस्त को अहले सुबह कांवड़ यात्री कांवड़ लेकर वाणावर स्थित बाबा सिद्धेश्वर नाथ मंदिर में जलाभिषेक करेंगे।
2011 में हुई थी कांवड़ यात्रा की शुरुआत
कांवड़ यात्रा की शुरुआत एकंगरसराय काली स्थान से वर्ष 2011 में हुई थी। जब कांवड़ की लंबाई 251 फुट रखी गई थी। उसके बाद हर साल इसकी लंबाई 50 फुट बढ़ाया जाती रही है। वर्ष 2012 में 301 फुट, 2013 में 351 फुट, 2014 में 401 फुट, 2015 में 451 फुट, 2016 में 501 फुट, 2017 में 551 फुट, 2018 में 601 फुट, 2019 में 651 फुट लंबी कांवड़ यात्रा निकाली गई। जबकि कोरोना के कारण वर्ष 2020-21 और 22 में तीन वर्षों तक यात्रा को स्थगित रखा गया था। इस बार फिर कांवड़ यात्रा को शुरू किया गया है। इस बार इसकी लंबाई 701 फुट रखी गई है।
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