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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी।
– फोटो : अमर उजाला डिजिटल
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बेतिया पहुंच चुके हैं। लेकिन, इस बार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उनके साथ मंच पर नजर नहीं आ रहे हैं। दो मार्च को वह न केवल रहे, बल्कि खुले मन से पीएम का अभिवादन करते भी दिखे। दो मार्च को बेगूसराय-औरंगाबाद में पीएम की सभा के जरिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की हाजिरी दिखाने की कोशिश हुई थी। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार, लोक जनशक्ति पार्टी (राष्ट्रीय) के प्रमुख पशुपति कुमार पारस, हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा-सेक्युलर के सर्वेसर्वा जीतन राम मांझी आए थे। तब लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के सर्वेसर्वा और जमुई से लोजपा सांसद चिराग पासवान नहीं नजर आए थे। राष्ट्रीय लोक मोर्चा के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा भी नहीं आए थे। अब जब सीएम नीतीश चार दिन बाद ही पीए के दूसरे कार्यक्रम में साथ नहीं दिखे तो सवाल उठाया जा रहा है कि क्यों?
सीएम आज ही जा रहे दिल्ली, वहां होगा सीट बंटवारा
बेतिया में पीएम मोदी का कार्यक्रम सुबह होता तो शायद सीएम नीतीश कुमार रहते थे। समय पर कार्यक्रम की संभावना बनती तो शायद फिर भी नजर आ जाते। लेकिन, पीएम मोदी का कार्यक्रम देर से शुरू हुआ, इसलिए बताया जा रहा है कि बेतिया आने-जाने के कारण दिल्ली की फ्लाइट को लेकर परेशानी से बचने के लिए सीएम नीतीश कुमार का कार्यक्रम बदला गया। प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में उनकी उपस्थिति की सूचना सार्वजनिक किए जाने के बाद भी वह नहीं गए। नीतीश बुधवार को ही रात आठ बजे दिल्ली निकलने वाले हैं। वहीं रात्रि विश्राम के बाद गुरुवार सुबह उनका भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा सहित राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के घटक दलों के साथ बैठक का कार्यक्रम संभावित है। इसी बैठक में लोकसभा चुनाव के लिए बिहार की 40 सीटों का घटक दलों में बंटवारा हो जाने की उम्मीद है, क्योंकि इसके बाद सीएम नीतीश कुमार इंग्लैंड और स्कॉटलैंड की यात्रा पर निकल जाएंगे।
चिराग से सामना, वह भी दिल्ली में बताए जा रहे
लोक जनशक्ति पार्टी के संस्थापक दिवंगत राम विलास पासवान के बेटे चिराग पासवान को पुराना दर्द भूलकर कांग्रेस महागठबंधन में आने का न्यौता दे रही है। वाम नेता दीपांकर भट्टाचार्य खुले मन से स्वागत की बात कह रहे हैं। राष्ट्रीय जनता दल तो बार-बार भाजपा में उनकी फजीहत को याद दिला रहा है। ऐसे में चिराग कहां हैं और क्या करेंगे, यह सवाल हर तरफ उठ रहा है। बताया जा रहा है कि चिराग पासवान गुरुवार को सीट शेयरिंग पर फैसले की संभावना को देखते हुए दिल्ली में हैं। उनके और सीएम नीतीश के बीच टकराव 2020 के विधानसभा चुनाव से बढ़ा हुआ है और चाचा पशुपति कुमार पारस से भी दूरी बनी हुई है। बताया जा रहा है कि चूंकि पीएम मोदी की दो मार्च को हुई सभाओं में यह दोनों ही थे, इसलिए चिराग पासवान ने संसदीय क्षेत्र से दूरी के आधार पर प्रधानमंत्री की जनसभा से भी दूरी बनाए रखी।
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