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राजद प्रमुख लालू यादव और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
– फोटो : अमर उजाला
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को बिहार के दौरे पर रहे। इस दौरान उन्होंने बेतिया में राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद यादव पर परिवारवाद को लेकर जमकर निशाना साधा। वहीं, अब राजद प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने प्रधानमंत्री के बिहार दौरे पर प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि एक बार फिर सौगात के नाम पर बिहार को जुमले पर ही संतोष करना पड़ा।
‘निर्माण पूरा तक नहीं हुआ, उद्घाटन कर दिया गया’
राजद प्रवक्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री जी का एक सप्ताह के अंदर बिहार का यह उनका दूसरा दौरा है। प्रचारित किया गया कि प्रधानमंत्री जी बिहार को बहुत बड़ी सौगात देने आ रहे हैं और 12,800 करोड़ की योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे। लेकिन सौगात तो नहीं, पर पीएम पिछले दौरों की तरह इस बार भी केवल जुमलों की बौछार कर चले गए। मुजफ्फरपुर से मोतिहारी एलपीजी लाइन तो 2014 के पहले ही हुए भारत-नेपाल करार के तहत बनाया गया है, जिसके तहत नेपाल को एलपीजी गैस की आपूर्ति करने के लिए पाइप लाइन बिछाया गया है। आज प्रधानमंत्री जी द्वारा जिस शिवहर-सीतामढी और पिपराकोठी-मोतिहारी-रक्सौल सड़क का लोकार्पण किया गया है। वह तो अभी पूरे तौर पर बना ही नहीं है और अभी निर्माण कार्य चल ही रहा है।
‘पुरानी घोषणाओं का हश्र देख चुके हैं लोग’
राजद नेता ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री जी द्वारा आज रेलवे की कई वैसी योजनाओं का भी लोकार्पण किया गया है, जिसका उदघाटन पहले मंडल रेल प्रबंधक स्तर के पदाधिकारी किया करते थे। प्रधानमंत्री जी द्वारा आज कई योजनाओं का शिलान्यास भी किया गया है। इसके पहले भी चुनाव के समय अनेकों योजनाओं का शिलान्यास और घोषणाएं होती रही हैं, जिनका हश्र लोग देख चुके हैं। पिछले लोकसभा चुनाव के समय उसी चम्पारण की धरती पर उन्होंने बेतिया चीनी मिल को चालू करने की घोषणा की थी, जो आज तक चालू नहीं हुई।
‘विशेष राज्य के दर्जे का मुद्दा तक नहीं उठाया ‘
राजद प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने कहा कि आज के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री जी के प्रतिनिधि के रूप में उपस्थित मंत्री विजय कुमार, चौधरी जी ने भी अपने सम्बोधन में एक बार भी बिहार को विशेष राज्य का दर्जा और पटना विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाने का जिक्र तक नहीं किया।
‘पूरी तरह चुनावी कार्यक्रम बनकर रह गया’
राजद प्रवक्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री जी का सरकारी कार्यक्रम आज पूर्णतया चुनावी कार्यक्रम बन कर रह गया। भाषण का अधिकांश हिस्सा लालू जी और तेजस्वी जी के ही इर्द-गिर्द ही सिमटा रहा, जिसमें बिहार में एनडीए की शर्मनाक हार का भय दिखाई पड़ रहा था।
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