Bihar News : बिहार में बात नहीं बनी तो ओडिशा SSC का पेपर लीक कर दिया, पुलिस ने मास्टरमाइंड समेत 17 को पकड़ा

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Paper Leak Case : Odisha SSC paper leaker from Bihar Hajipur, Balasore police arrested 17, Delhi Police

सांकेतिक फोटो
– फोटो : Social Media

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बिहार SSC और BPSC पेपर लीक में बिहार के गैंग के हाथ होने की खबर तो आपने खूब पढ़ी होगी। लेकिन, अब ये लोग बिहार के साथ अन्य राज्यों में भी अपनी किस्मत आजमाने निकल चुके हैं। इसका खुलासा तब हुआ जब ओडिशा SSC पेपरलीक केस करने वाले गैंग की गिरफ्तारी हुई। इस गैंग का मुख्य सरगना यानी मास्टरमाइंट बिहार का ही रहने वाला है। उसकी पहचान हाजीपुर निवासी विशाल कुमार चौरसिया के रूप में हुई है। ओडिशा पुलिस ने इस मामले में अब तक 17 परीक्षार्थियों को गिरफ्तार किया है। इसमें बिहार का विशाल चौरसिया, विजेंद्र गुप्ता, वीरेंद्र सिंह पासवान, विकास कुमार, राज कुमार, दीपक कुमार, अजय कुमार पुलिस की गिरफ्त में है। अब पुलिस इन माफियाओं की कुंडली खंगाल रही है। इनके बैंक खातों को भी फ्रीज कर दिया गया है। ओडिशा के बालासोर पुलिस ने यह जानकारी दी। 

प्रिंटिंग प्रेस के सहायक वीरेंद्र से एक लाख कैश देकर विशाल ने पेपर लिया

ओडिशा SSC पेपर लीक होने की पुष्टि के बाद ओएसएससी ने 24 जुलाई को जूनियर इंजीनियर (सिविल) के लिए मुख्य लिखित परीक्षा रद्द कर दी थी। यह परीक्षा 16 जुलाई को आयोजित की गई थी। जांच से पता चला है कि ओडिशा SSC के पेपर को वीरेंद्र सिंह ने लीक किया था, जो उस प्रिंटिंग प्रेस में काम करता था जहां इसे मुद्रित किया गया था। पुलिस के अनुसार, वीरेंद्र सिंह बिहार का रहने वाला है और प्रिंटिंग प्रेस में सहायक के रूप में काम कर रहा था। वह मामले के मास्टरमाइंड विशाल कुमार चौरसिया के संपर्क में आया। विशाल ने वीरेंद्र से कहा था कि वह उसे उसकी प्रेस में छपने वाले प्रश्न पत्रों के संबंध में जानकारियां प्रदान करे। वीरेंद्र ने विशाल को 11 जुलाई को फोन कर कहा था कि उसके यहां ओडिशा SSC की परीक्षा का प्रश्नपत्र प्रिंट हो रहा है। इसके बाद विशाल कोलकाता पहुंचा और वीरेंद्र को एक लाख रुपए देकर प्रश्नपत्र ले लिया। बालासोर पुलिस ने वीरेंद्र के पास से एक लाख रुपए जब्त भी किए हैं। 

सेंट्रल SSC की परीक्षा में कई बार धांधली कर नौकरी हासिल की थी विशाल ने

विशाल कुमार चौरसिया ने फर्जीवाड़े की शुरुआत अपने लिए नौकरी हासिल करने से की थी। उसने सेंट्रल SSC की परीक्षा में कई बार धांधली कर नौकरी हासिल की थी। इस बात की जानकारी बालासोर पुलिस को मिली है और इसकी जांच हो रही है। इधर, दिल्ली क्राइम ब्रांच की जांच में यह बात आई थी कि वह सबसे पहले सेंट्रल SSC द्वारा आयोजित सीजीएल परीक्षा 2012 में चयनित होकर 2014 से 2016 तक इनकम टैक्स डिपार्टमेंट दुर्गापुर में टैक्स असिस्टेंट के पद पर कार्यरत रहा। इसके बाद सीजीएल परीक्षा 2013 में भी चयनित होकर 2016 में एजी ऑफिस पटना में ज्वाइन किया। अभी ग्रामीण कार्य विभाग में डिविजनल अकाउंटेंट है।

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