[ad_1]

इलाजरत लैब टेक्नीशियन संजीव कुमार
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
हाजीपुर में हुए दूध डेयरी में अमोनिया गैस सिलेंडर ब्लास्ट में लगभग 100 लोग प्रभावित हुए जिन्हें अस्पताल में भर्ती करना पड़ा था। अब उनमें से कई लोग अपने घर जा चुके हैं जबकि कुछ का इलाज अभी भी सरकारी और निजी क्लीनिकों के जेनरल और ICU वार्ड में चल रहा है। इस घटना में राज फ्रेश डेयरी कम्पनी के फैक्ट्री में काम कर रहे लैब टेक्नीशियन ने अपनी जान पर खेलकर गैस को बंद किया। उस युवक के अनुसार इस क्रम में उसके आंख की रोशनी कम हो गई है। वह युवक नालंदा निवासी संजीव कुमार है जिसके बारे में लोगों का कहना है कि उसने हाजीपुर में होने वाले एक बहुत बड़े हादसे को बचा लिया है।
कैसे हुआ था हादसा, बता रहे प्रत्यक्षदर्शी लैब टेक्नीशियन
लैब टेक्नीशियन संजीव कुमार का कहना है कि वह राज फ्रेश डेयरी कम्पनी के फैक्ट्री में लैब टेक्नीशियन के रूप में काम करते हैं। वह शनिवार को नाइट शिफ्ट में काम कर रहे थे। इसी समय गैस का रिसाव शुरू हो गया। संजीव कुमार ने बताया कि मेरी वहीं ड्यूटी थी। गैस रिसाव होते ही कंपनी में काम करने वाले मजदूर बीमार पड़ने लगे। इसी बीच संजीव कुमार ने जान पर खेलकर पहले अमोनिया गैस के ब्लडर को बंद कर दिया। संजीव के मुताबिक उस समय कारखाने में लगभग एक सौ मजदूर काम कर रहे थे। संजीव कुमार ने कहा कि जिस वक्त यह हादसा हुआ था, पूरे कारखाने को वह संचालित कर रहे थे। संजीव कुमार ने बताया कि मैंने अपनी पूरी ताकत से उसे तबतक बंद करता रहा जबतक गैस निकलना बंद नहीं हो गया। फिर मैं बेहोश हो गया। उन्होंने कहा कि अगर मैं गैस को बंद नहीं करता तो आज हाजीपुर बर्बाद हो गया होता। उन्होंने अपने स्वास्थ्य के संबंध में बताया कि हम अभी ठीक हैं। सिर्फ आंख नहीं खुल रही है और गला में दिक्कत महसूस हो रहा है।
[ad_2]
Source link