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काराकाट के जदयू सांसद महाबली सिंह और उपेंद्र कुशवाहा।
– फोटो : अमर उजाला डिजिटल
विस्तार
मेरा नाम महाबली है और महाबली की बलि नही चढ़ती। महाबली बलि लेता है, अपनी बलि देता नही है। यह कहा था काराकाट के जदयू सांसद महाबली सिंह ने लेकिन सीट शेयरिंग की घोषणा होते ही महाबली सिंह को हाथों से तोते उड़ गये । उनके दावे धरे के धरे रह गये।
दावे रह गये धरे के धरे
13 मार्च को ही ‘अमर उजाला’ ने काराकाट के जदयू सांसद महाबली सिंह के टिकट की बलि चढ़ने की संभावना व्यक्त की थी। हालांकि उस वक्त महाबली सिंह ने इस संभावना को यह कह कर खारिज किया था कि महाबली की बलि नही चढ़ती है। महाबली बलि लेता है। अपनी बलि देता नही है। उन्होने यह भी दावा किया था कि उन्हे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्पष्ट रूप से कह रखा है कि जदयू का अपनी सभी सीटिंग सीटो पर चुनाव लड़ना तय है। इस नाते उनका काराकाट से ही चुनाव लड़ना भी तय है। उपेंद्र कुशवाहा एनडीए में है। उन्हे सीट भी मिलेगी लेकिन काराकाट की नही बल्कि उन्हे अपने लिए नई जमीन तलाशनी होगी।
काराकाट की सीट पर उपेंद्र कुशवाहा का चुनाव लड़ना तय
महाबली के दावे सोमवार को उस वक्त धरे के धरे रह गए जब एनडीए के घटक दलों के बीच सीट शेयरिंग की घोषणा हुई। घोषणा होते ही महाबली सिंह के दावे धुंआ हो गये, क्योंकि लगातार यह दावा कर रहे थे कि काराकाट सीट पर उनकी टिकट पक्की है। लेकिन काराकाट की सीट अब पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक मोर्चा (आरएलएम) के खाते में चली गई। मतलब महाबली सिंह की बलि चढ़ गई। उनका दावा फेल हो गया और ‘अमर उजाला’ का दावा अक्षरशः सच हो गया। अब काराकाट की सीट पर उपेंद्र कुशवाहा का चुनाव लड़ना फाइनल है।
यह कहा था महाबली ने
जदयू के नेता और काराकाट के निवर्तमान सांसद महाबली सिंह ने 13 मार्च को कहा था कि पुनः एनडीए का अंग बनने के साथ ही जेडीयू और बीजेपी में जीती हुई सीटों को लेकर सबकुछ फाइनल है। इसमें किंतु-परंतु की कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने यह भी कहा था कि भाजपा अपनी जीती हुई सीटों पर और जदयू अपनी जीती हुई सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़ेगी। उन्होंने उपेंद्र कुशवाहा के लिए अपना टिकट काटे जाने की चर्चा को दरकिनार करते हुए उत्साह भरे लहजे में कहा था कि आप मेरे टिकट की बलि चढ़ने की बात कर रहे हैं। जान लीजिए मेरा नाम महाबली है और महाबली की बलि नही चढ़ती। कहा था कि किसी भी सूरत में मेरे टिकट की बलि नही चढ़ने वाली है। हमारे नेता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जेडीयू के सभी सांसदों को कह रखा है कि वें सभी अपने क्षेत्र में रहे। उनके टिकट पर कोई संकट नही है। अपने नेता के आदेश पर वें अपने क्षेत्र में लगातार जनता के बीच बने हुए है।
उपेन्द्र कुशवाहा के लिए कही थी यह बातें
महाबली सिंह ने कहा था कि उपेंद्र कुशवाहा भी एनडीए के सम्मानित नेता हैं। जल्द ही एनडीए में तय हो जाएगा कि कुशवाहा कहां से चुनाव लड़ेंगे। कुशवाहा चुनाव जरूर लड़ेंगे लेकिन काराकाट से नही लड़ेंगे, काराकाट से महाबली ही लड़ेंगे। उन्होंने पिछले पांच साल में अपने प्रयास से काराकाट संसदीय क्षेत्र में हुए विकास कार्यों को गिनाते हुए भी कहा था कि हमारी 5 साल में क्या उपलब्धि है यह सिर्फ काराकाट की जनता ही नहीं देश की जनता जानती है। जनता मेरे साथ है और मैं जनता के साथ हूं।
जदयू के एनडीए में आने से पहले राजग में आ गए थे उपेंद्र कुशवाहा
महाबली सिंह ने कहा था कि जदयू के एनडीए में आने के पहले से ही उपेंद्र कुशवाहा इस गठबंधन में है। इसी वजह से जदयू के एनडीए का अंग हो जाने के बावजूद इस बात की आशंका जताई जा रही थी कि काराकाट की लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद महाबली सिंह का टिकट कटना तय है। ऐसी चर्चा चौक-चौराहों पर भी हो रही थी। इन चर्चाओं में दम निकला और आखिरकार महाबली के सीट की बलि चढ़ ही गई।
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