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तेजस्वी यादव
– फोटो : सोशल मीडिया
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बिहार स्वास्थ्य सेवा संघ ने आह्वान पर 21 नवंबर को हड़ताल किया था। इससे ओपीडी सेवा बाधित हो गई थी। इस कारण सैकड़ों मरीजों को वापस लौटना पड़ा था। बिहार सरकार ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया है। स्वास्थ्य विभाग अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने कड़ा एक्शन लेते हुए सभी मेडिकल कॉलेज के प्रिसिंपल और अस्पतालों के सिविल सर्जन को लेटर भेजा है। इसमें कहा गया है कि हड़ताल करने वाले डॉक्टरों के लिए नो वर्क-नो पे पॉलिसी लागू कर दी गई है। जिस दिन वह हड़ताल पर रहेंगे, उस दिन उन्हें सैलरी नहीं मिलेगी।
खबर अपडेट हो रही है…
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