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जांच करती स्वास्थ्य विभाग की टीम।
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
गया में अजीबोगरीब मामला सामने आया है। मानपुर पटवाटोली बुनकरी नगर इलाके में लोग बीमार पड़ रहे हैं। अब तक करीब 300 लोग बीमार पड़ चुके हैं। इनमें लंगड़ा बुखार, चिकनगुनिया, डेंगू और वायरल बुखार के लक्षण मिल रहे हैं। गया स्वास्थ्य विभाग की टीम भी इस तरह के केस देखकर हैरान है। इधर, पीड़ित क्षेत्र का जायजा लेने सिविल सर्जन रंजन कुमार सिंह पहुंचे। पीड़ित मरीजों से घर पहुंचकर उनसे बातचीत की। स्वास्थ्य विभाग की टीम 10 मरीज के घर-घर जाकर सबका जांच नमूना संग्रह किया गया। इन नमूनों को जांच के लिए पटना भेजा गया है। जांच रिपोर्ट के आधार पर दवाई दी जाएगी।
चिकनगुनिया एवं डेंगू मच्छर दिन में काटने से फैलता है
सिविल सर्जन रंजन कुमार सिंह ने बताया चिकनगुनिया एवं डेंगू मच्छर दिन में काटने से फैलता है। साफ जमाव पानी में अंडा से मच्छर पैदा होने वाले अंडा को एंटी लार्वा दवाई का छिड़काव, मच्छर नष्ट करने की दवा द्वारा फागिंग, नियमित रूप से युद्धस्तर पर नियमित कराए जाने सहित ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव सहित चिकनगुनिया एवं डेंगू मच्छर से बचने का जागरूकता अभियान, डोर टू डोर एएनएम से जांच करवाकर प्रभावित मरीज को दवा एवं ओआरएस वितरण का सख्त निर्देश दिया गया। सिविल सर्जन के साथ रहे गोपाल प्रसाद पटवा अध्यक्ष बिहार प्रदेश बुनकर कल्याण संघ ने जिला पदाधिकारी गया, नगर आयुक्त गया नगर निगम एवं सिविल सर्जन से अनुरोध किया कि मानपुर नगर निगम क्षेत्र में दूसरा शहरी प्राथमिक स्वास्थ केंद्र नवनिर्माण करने, समय रहते चिकनगुनिया और डेंगू फैलने से रोकथाम हेतु अग्रेत्तर आवश्यक कार्रवाई अभिलंब किया जाय।
50% कामगार बुनकर परिवार प्रभावित हैं
अज्ञात बुखार लगभग 50 दिनों से फैला हुआ है। जिससे लगभग 50% कामगार बुनकर परिवार प्रभावित हैं। यहां की स्थिति का अंदाजा और आलम यह है कि प्रभावित गलियों में लोग गुजरने से परहेज करने लगे हैं। लंगड़ा बुखार क्षेत्र का रास्ता बदलकर आवागमन कर रहे हैं। वायरल बुखार एक-दो दिन से लेकर एक सप्ताह तक रहता है। इसके बाद असहनीय सभी जोड़ों में दर्द सूजन या खुजली दाग छोड़ जाता है। कई घरों में परिवार के सभी सदस्य बीमारी से प्रभावित हैं। पढ़ाई के लिए गए छात्र-छात्र जो त्यौहार में लौट कर आए हैं। चिकनगुनिया/ डेंगू बुखार प्रभावित कर रहा है। प्रभावित मरीजों का प्लेट्सलेटस गिर डाउन हो जाता है। लोग पपीता पत्ता का रस, किवी और ड्रैगन फ्रूट का प्रबंध करने में लगे हैं।
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