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                        डॉ. एसके चौधरी की देखरेख में कराई गई एचआईवी पीड़ित जोड़े की शादी
                                    – फोटो : सोशल मीडिया 
                    
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बिहार के समस्तीपुर के सदर अस्पताल में सोमवार को अनोखी शादी देखने को मिली। एड्स पीड़ित युवक और युवती की शादी हुई। इसमें बाराती और सराती डॉक्टर, सिविल सर्जन और एचआईवी परामर्श केंद्र के कर्मी बने। एड्स पीड़ित दुल्हन दरभंगा जिले की रहने वाली है, जबकि दूल्हा समस्तीपुर का रहने वाला है। काउंसलिंग के दौरान दोनों की रजामंदी के बाद सदर अस्पताल प्रशासन ने दोनों की शादी करवाई। इस शादी में काउंसलर विजय मंडल ने अहम भूमिका निभाई है। अब यह शादी चर्चा का विषय बनी हुई है।
जानकारी के मुताबिक, लड़की पहले से शादीशुदा थी। लेकिन इसी दौरान वह एचआईवी पॉजिटिव हो गई। जब इसकी जानकारी उसके पति को हुई तो दोनों अलग हो गए। उसके बाद लड़की ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। इसके बाद कोर्ट ने पति को आदेश दिया कि वह लड़की को एक हजार रुपये हर महीने खर्चे के रूप में दे। लेकिन वह उक्त राशि भी समय पर नहीं देता था। इस दौरान लड़की का दरभंगा एड्स परामर्श केंद्र में आना-जाना लगा रहता था।
इस बीच काउंसलर विजय मंडल का स्थानांतरण समस्तीपुर हो गया। समस्तीपुर में विजय की भेंट समस्तीपुर निवासी 25 वर्षीय युवक से हुई जो मुफस्सिल थाना क्षेत्र का रहने वाला है। परदेश में रहने के दौरान वह भी एड्स से पीड़ित हो गया था। विजय ने दोनों एड्स पीड़ित लड़के और लड़की को मिलवाकर नया जीवन शुरू करने की सलाह दी, जिसके बाद दोनों मान गए। उसके बाद मंगलवार यानी आज दोनों की शादी सिविल सर्जन डा. एसके चौधरी की देखरेख में कराई गई। ताकि दोनों नया जीवन शुरू कर सकें।
सिविल सर्जन डॉ. एसके चौधरी ने बताया कि दूल्हा-दुल्हन एड्स पीड़ित हैं। दोनों में अभी कम वायरल है। इन दोनों से होने वाली संतान को एचआईवी से बचाया जा सकता है। इसके लिए उन्हें लगातार दवा का सेवन करना होगा। दोनों की लगातार टीम द्वारा काउंसलिंग की जाएगी।
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