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डेंगू से एएसआई की मौत
– फोटो : सोशल मीडिया
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बिहार में पुलिसकर्मियों को भी समय पर सही इलाज नहीं मिल पाता है। पटना निवासी बिहार पुलिस के असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर की अररिया के फारबिसगंज थाना में पोस्टिंग थी। गुरुवार देर रात एएसआई चिरंजीवी पांडेय की तबीयत बिगड़ने लगी। नाक और मुंह से खून निकलने लगा तो सहकर्मी दौड़भाग करते हुए फारबिसगंज अनुमंडलीय अस्पताल ले गए। वहां कुछ समझने की स्थिति नहीं थी तो रेफर कर दिया गया। पूर्णिया रेफर किया गया और वहां पहुंचने से रास्ते में ही पांडेय की मौत हो गई। पटना जिला के परसा बाजार के सैदानीचक निवासी चिरंजीवी पांडेय की मौत के बाद चिकित्सकों ने डेंगू के लक्षण बताए। इस जानकारी से पुलिस महकमे में सनसनी फैल गई कि डेंगू से इस तरह मौत हो रही है।
बिहार में इस बार आपदा जैसे हालात
इस बार राज्य में डेंगू मरीजों की संख्या 12 हजार पार कर चुकी है। गुरुवार को ही राज्य में 384 और सिर्पु पटना जिले में 228 डेंगू पॉजिटिव मिले हैं। यह आंकड़े वह हैं, जिनकी जांच या तो सरकारी अस्पताल में हुई है या रिपोर्ट की जानकारी सिविल सर्जन तक पहुंची है। सरकारी आंकड़ों में अक्टूबर के 19 दिनों के अंदर राज्य में 5324 मरीज मिले हैं। सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार पटना के अलावा सारण, नवादा, वैशाली, मुंगेर, नालंदा आदि जिले में ज्यादा संक्रमण है, हालांकि बेगूसराय, पूर्णिया, अररिया समेत लगभग हर जिले से डेंगू मरीजों की मौत सामने आ चुकी है।
प्लेट्लेट्स गिरने की अंतिम अवस्था में ब्लीडिंग
बुखार को लेकर ज्यादा संजीदा नहीं दिख रहे लोगों को लग रहा है कि कमजोरी की वजह बुखार है, लेकिन कई बार देर से प्लेट्लेट्स की जांच कराने पर यह बहुत कम नजर आता है। चिकित्सकों के अनुसार, खून में प्लेटलेट्स की भारी कमी की स्थिति में ब्लीडिंग की शिकायत सामने आती है। डेंगू के साथ किसी अन्य बीमारी का लक्षण मिल जाने के कारण भी मरीज संशय में रहते हैं। ऐसे ही संशय के कारण गुरुवार को पटना में एक मरीज की डेंगू से मौत के बाद जमकर हंगामा हुआ। तोड़फोड़ और पथराव में दो पुलिसकर्मी भी चोटिल हुए।
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