Bihar Police: राजघराने से करोड़ों के हेरफेर में सबूत के बावजूद पुलिस ने किया बड़ा खेल, अब कोर्ट ने बुला लिया

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Bihar News: Court called Bihar Police in the case of theft of jewelery from Darbhanga royal family sbi locker

सांकेतिक तस्वीर।

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दरभंगा राज घराने के एसबीआई के लॉकर से गायब हुए करोड़ों के जेवरात बेचने के मामले में कोर्ट ने संज्ञान लिया गया है। गिरफ्तार किए गए मैनेजर उदयनाथ झा सहित तीन लोगों को गिरफ्तार कर गैरजमानतीय धारा में केस दर्ज कर पीआर बांड पर आरोपियों को छोड़ देने के मामले को दरभंगा न्यायालय ने इस केस के अनुसंधानक (आईओ) से जबाब तलब किया है। अब कोर्ट की इस कार्रवाई से बिहार पुलिस महकमा में हड़कम्प मच गया है।

बता दें कि इस मामले को दरभंगा न्यायालय के प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी की कोर्ट ने विश्वविद्यालय थाना कांड संख्या 34/24 के अनुसंधानक से कारण पृच्छा तलब किया है। कोर्ट यह जानने की कोशिश करेगा है कि किस प्रविधान के तहत गैर जमानतीय धाराओं में गिरफ्तार आरोपितों को पीआर बांड पर छोड़ा गया। आगे की कार्रवाई अगली तिथि में निर्धारित की जाएगी। ऐसी स्थिति में अब कोर्ट के संज्ञान लेने से अनुसंधानक सहित पुलिस की मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही है। 

तीनों आरोपियों को पीआर बांड पर छोड़ दिया गया

दरभंगा महाराज कामेश्वर सिंह के पौत्र राजकुमार कुमार कपिलेश्वर सिंह दरभंगा पुलिस की कार्रवाई से संतुष्ट नहीं हैं। उन्होंने आरोपितों को बचाने की आशंका जताते हुए अपने अधिवक्ता के माध्यम से शुक्रवार को कोर्ट में अर्जी दी है। इसमें उन्होंने कहा है कि पुलिस कार्रवाई से इंसाफ नहीं मिलने की आशंका जाहिर की गई है। ऐसी स्थिति में पटना उच्च न्यायालय के एक न्यायादेश के आलोक में इस मामले की मॉनिटरिंग करने का आग्रह किया है। उन्होंने बताया कि पुलिस ने इस पूरे मामले को गैर जमानतीय धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कर तीनों आरोपियों को पीआर बांड पर छोड़ दिया गया है। 

लगभग 35 किलो चांदी को भी जब्त कर लिया था

बता दें कि इस मामले में कामेस्वर धार्मिक ट्रस्ट के मैनेजर उदयनाथ झा सहित दो लोगों को पुलिस प्राथमिकी दर्ज होने के एक घंटे के भीतर ही गिरफ्तार करते हुए इसकी निशानदेही पर नगर थाना क्षेत्र के एक ज्वेलरी शॉप से डेढ़ किलो गला हुआ सोना और लगभग 35 किलो चांदी को भी जब्त कर लिया था। लेकिन, पुलिस द्वारा देर रात फिर सभी आरोपितों को पीआर बांड पर छोड़ भी दिया गया। यह मामला लोगों समझ में नहीं आ रहा था कि पुलिस ने जिस तेज गति से कार्रवाई करते हुए गिरफ्तार किया फिर अचानक से इतनी बड़ी बरामदगी होने के बावजूद सभी आरोपियों को सिर्फ पीआर बांड पर छोड़ दिया। इधर, घटना के लगभग 15 दिनों बाद भी दरभंगा पुलिस द्वारा कार्रवाई नहीं होता देख कुमार कपिलेश्वर सिंह ने बिहार के डीजीपी आर एस भट्टी से मिलकर घटना के सम्बंध जानकारी देते हुए कार्रवाई की मांग की है।

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