[ad_1]

दारोगा ललन सिंह की फाइल फोटो।
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
जिसे ठंड लगती है, उपाय कर लेता है। लेकिन, जिसे ठंड महसूस नहीं होता, उसे बिहारी भाषा में ‘ठंडा मारता’ है। पिछले दिनों ‘अमर उजाला’ टीम से बातचीत में पटना एम्स के हृदय रोग विशेषज्ञ ने इसपर बात की थी। बताया था कि इस समय ठंडा मारे तो जान तक ले लेता है। गुरुवार को एक जैसी दो घटनाएं सामने आयीं और इनमें तो एक जगह हार्ट अटैक पक्का हो चुका है। दोनों बिहार पुलिस के दारोगा था। नालंदा में दारोगा की मौत का कारण पोस्टमार्टम के बाद सामने आएगा। जहानाबाद में तो ठेले वाले ने अपनी आंखों से देखा कि बाइक से जा रहे दारोगा को अचानक कुछ गड़बड़ लगा। बाइक रोकी और फिर गिर पड़े। ठेला वाले ने ठेले से अस्पताल पहुंचाया। यहां डॉक्टर बचा नहीं सके। इसे हार्ट अटैक बताया गया और इलाज का प्रयास करने वाले डॉक्टरों ने इसके पीछे ठंड को वजह बताया।
अपने गांव बखोरी बिगहा जा रहे थे दारोगा
मामला जहानाबाद के नगर थाना क्षेत्र के हॉस्पिटल मोड़ के पास की है। मृतक दारोगा की पहचान अरवल जिले के करपी थाना अंतर्गत बखोरी बिगहा गांव निवासी ललन सिंह के रूप में की गई हैवह नालंदा जिले के इस्लामपुर थाना में सब इंस्पेक्टर के पद पर कार्यरत थे। प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि वह घोसी मोड़ की ओर से बाइक पर सवार होकर जहानाबाद की ओर आ रहे थे। इसी दौरान हॉस्पिटल मोड़ के समीप वह अचानक बाइक खड़ी की और गिर गए। दारोगा को गिरते देख एक ठेला चालक ने आन फानन में उसे ठेला पर लादकर उन्हें सदर अस्पताल पहुंचाया। यहां इलाज दौरान दारोगा की मौत हो गई। बताया जाता है कि इस्लामपुर थाना से वह बाइक से अपने गांव बखोरी बिगहा जा रहे थे तभी हॉस्पिटल मोड़ के पास यह घटना हुई।
बचना मुश्किल नहीं, बस ध्यान रखें कुछ बातें
घर के बड़े अक्सर कहते हैं- ठीक से पहन-ओढ़ कर बाहर निकलो। यह गलत नहीं। इस मौसम में तो खासकर। डॉ. संजीव कहते हैं- “कोल्ड स्ट्रोक का मौसम है, इसलिए शरीर को बाहरी तापमान में अचानक परिवर्तन झेलने के लिए विवश नहीं करना चाहिए। जैसे बिल्कुल बंद में हैं तो थोड़ा सामान्य होते हुए बाहर जाएं। मतलब, अचानक बाहर मत जाएं। बाहर निकलना है तो गर्म कपड़ा ठीक से पहनें। गला ढंक कर रखें। पूरा गर्म कपड़ा कभी भी एक बार में नहीं उतारें। सुबह उठते ही या गर्म कपड़ा तुरंत उतारकर नहाने न जाएं। पहले से बीपी है तो दवा लेते रहें। नहीं है तो भी आसामान्य लगने पर जांच कराते रहें। कई बार जाड़ा में बीपी की दवा की मात्रा बढ़ जाती है, इसलिए इसे नजरअंदाज नहीं करें। डायबिटीज रोगी या 60+ वाले लोग एक्सपोजर से विशेष तौर पर बचें।”
[ad_2]
Source link