Bihar Politics: बिहार शरीफ में रालोजद का प्रदर्शन, कहा- सीएम नीतीश लालू के सामने पंगु बन चुके

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Bihar Politics RLJD demonstration in Bihar Sharif says CM has become paralyzed in front of Nitish Lalu

रालोजद का प्रदर्शन
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार


जिला मुख्यालय बिहार शरीफ के अस्पताल चौक पर बुधवार को राष्ट्रीय लोक जनता दल ने एक दिवसीय धरना प्रदर्शन का आयोजन किया। बिहार सरकार के द्वारा जारी की गई जातीय गणना के आंकड़ों में पार्टी के द्वारा विसंगतियों का आरोप लगाया गया है। इसी के विरोध स्वरूप जिला स्तरीय राष्ट्रीय लोक जनता दल पार्टी के द्वारा धरना प्रदर्शन दिया गया। इस धरना प्रदर्शन में मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रीय लोक जनता दल के प्रदेश युवा के अध्यक्ष हिमांशु पटेल मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे।

इस मौके पर मौजूद पार्टी के वक्ताओं ने अपना-अपना वक्तव्य आम लोगों के बीच रखा। वहीं, मीडिया से मुखातिब होते हुए हिमांशु पटेल ने कहा कि बिहार में विभिन्न पार्टियों, विभिन्न संगठनों के आंदोलन के फलस्वरूप बिहार सरकार ने बिहार में जातीय गणना कराई है। हम लोगों की भी मांग थी कि बिहार में जाति आधारित गणना होनी चाहिए। जो जाति आधारित गणना की रिपोर्ट आई है। उस रिपोर्ट में घोर अनियमितता बरती गई है। किसी खास जाति की संख्या को बढ़ा करके दिखाया गया है और उनके राजनीतिक मनोबल को भी बढ़ाया गया है और उनको जो राजनीतिक चुनौती पेश करने वाली जातियां हैं, उन जातियों की संख्या को कम करके दिखाया गया है।

चाहे कुशवाहा समाज की बात हो, कुर्मी समाज की बात तो हो या अति पिछड़ा समाज की बात हो। इनके संख्या को इसलिए कम करके दिखाया गया है, क्योंकि नीतीश कुमार लालू जी के सामने सरेंडर कर चुके हैं। नीतीश कुमार लालू जी के सामने बिल्कुल पंगु बन चुके हैं, जिस तरह से लालू जी सामाजिक न्याय के मुद्दे पर सत्ता में और सामाजिक न्याय के नाम पर आने के बाद जातिवाद किया, परिवारवाद किया। उसके खिलाफ 1994 में कुर्मी चेतना रैली करके लवकुश एकता और अतिपिछड़ा समाज की रैली ने उनको राजनैतिक चुनौती पेश किया गया, उन्हें सत्ता से हटाया गया और नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री बनें। 

यह लालू जी की साजिश है कि जिस तरह से कुशवाहा समाज के लोग, कुर्मी समाज के लोग, अति पिछड़ा के लोगों ने मेरे खिलाफ राजनैतिक चुनौती पेश किया था। आने वाले दोनों में मेरे लाल तेजस्वी यादव के खिलाफ कोई कुशवाहा समाज का, कोई कुर्मी समाज का कोई अति पिछड़ा समाज का व्यक्ति राजनीतिक चुनौती पेश न करें। इसलिए इन जातियों की आबादी कम करके दिखाओ, ताकि ये राजनीतिक रूप से कमजोर हो जाएं। 

उन्होंने कहा, हमारी मांग है कि बिहार सरकार जाति आधारित गणना को पंचायत स्तर पर जारी करे। ताकि उसे आम लोग देख सकें कि हमारा नाम हमारे परिवार का नाम जातीय गणना में है या नहीं है। इस मौके पर रालोजद के दर्जनों कार्यकर्ता ने बिहार सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

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