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कार्यकर्ताओं को संबोधित करते भाजपा नेता आरसीपी सिंह
– फोटो : अमर उजाला
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बिहार के नालंदा के अस्थावां प्रखंड के मुस्तफापुर गांव में रविवार को इस्लामपुर विधानसभा क्षेत्र के भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ पूर्व केंद्रीय मंत्री सह भाजपा नेता आरपीसी सिंह ने बूथ लेवल बैठक आयोजित की। इस दौरान आरपीसी सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर कटाक्ष कर कहा कि एक की दृष्टि पूरी तरह से खत्म है। वहीं, दूसरे की दृष्टि यह है कि हमारा ही फ्यूचर हो।
भाजपा नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री जी अमृत काल की बात कर रहे हैं। 2047 तक भारत देश को आजाद हुए 100 साल हो जाएगा। दुनिया की जितनी एजेंसियां हैं जैसे वर्ल्ड बैंक, नीति आयोग और आरबीआई हैं। यह सारी एजेंसियां यह अंदेशा व्यक्त कर रही हैं कि 2047 में भारत दुनिया का नंबर वन देश बन जाएगा। आरपीसी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार के लोगों को यह बताएं कि 2047 तक कैसे बिहार वासियों की प्रति व्यक्ति आय 15 लाख रुपये हो जाए। जब भारतवर्ष में औसत आय 15 लख रुपये प्रति व्यक्ति होगी तो बिहार में होना चाहिए या नहीं।
सीएम नीतीश कुमार की मानसिकता पर उठाया सवाल
आरसीपी सिंह ने कहा कि बिहार में अभी तो दो ही मॉडल हैं। एक मॉडल है जो मुंह सूंघते रहते हैं कि दारू पी है कि नहीं पी है। दूसरा मॉडल है दिन भर यह बताते रहो कि तुम कौन जाति के हो, तुम कौन जाति के हो। उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कहते हैं कि उनकी उम्र 73 साल की हो गई है। और वे भविष्यवाणी करते हैं कि यह धरती 100 वर्ष तक ही रहेगी। यह भविष्यवाणी नीतीश कुमार की मानसिकता पर सवाल खड़े कर रही है। वहीं, नरेंद्र मोदी कहते हैं कि हजारों हजार साल तक आने वाले समय में भारत की बादशाहत रहेगी। मुख्यमंत्री के इस वक्तव्य पर सोचिए, जरा आम लोगों के जीवन पर क्या असर पड़ेगा।
‘प्रदेश की उन्नति में बिहार सरकार का कोई योगदान नहीं’
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बिहार आखिर कब तक मजदूरों की मंडी बनी रहेगी। हमारे लोग कब तक सूरत, भुवनेश्वर और लुधियाना जाते रहेगें। जहां कानून व्यवस्था नहीं, जहां कोई निजी निवेश नहीं, शिक्षा पर कोई फोकस नहीं, स्वास्थ्य पर कोई ध्यान नहीं, क्या होगा उस प्रदेश का। लेकिन बिहार के लोगों में सामर्थ्य है कि वे अपने बल बूते इतनी विपरीत परिस्थितियों में भी चाहे वह कृषि का क्षेत्र हो, शिक्षा का क्षेत्र हो, उनमें राष्ट्रीय स्तर पर अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। इसमें सबसे बड़ी परेशानी यह है कि सरकार का इसमें कोई योगदान नहीं है।
‘बिहार पुलिस की क्षमता तीन मिनट की’
आरपीसी सिंह ने बिहार पुलिस की क्षमता पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि बिहार पुलिस की तीन मिनट तक खड़े रहने की क्षमता है। इसके बाद वह इधर-उधर बैठने के लिए जगह तलाशते हैं। उत्तर प्रदेश में पांच मिनट तक है, क्योंकि ट्रेनिंग है थोड़ा वहां तो दो मिनट बिहार से ज्यादा क्षमता है उनमें। लॉ एंड ऑर्डर की सबसे ज्यादा प्राथमिकता है और जो शूटर हैं वे दिन भर प्रैक्टिस करते रहते हैं। सिपाहियों की भर्ती जरूर हो, लेकिन उनके प्रशिक्षण का पूरा ख्याल रखा जाए। प्रशिक्षण होता ही नहीं है।
रकार का जो मुख्य काम कानून व्यवस्था सुनिश्चित करना होता है, वह कैसे संभव हो। बिहार की पुलिस यह सोचती है कि अगर उन्होंने अपराधियों पर गोली चलाई तो कहीं नीतीश कुमार की सरकार उन पर ही कार्रवाई न कर दे। वहीं, इस दौरान भाजपा नेता रामचंद्र प्रसाद सिंह ने कार्यकर्ताओं को प्रखंडों के सभी बूथों पर भाजपा को कैसे मजबूत किया जाए, इस पर भी चर्चा की।
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