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एसएनसीयू विभाग, भभुआ सदर अस्पताल
– फोटो : अमर उजाला
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बिहार के कैमूर में भभुआ सदर अस्पताल के एसएनसीयू में गलत इलाज होने पर पांच महीने की बच्ची की आंख खराब होने का आरोप लगा है। पीड़ित परिजनों ने अस्पताल के गार्ड पर गाली-गलौज और बदसलूकी करने का भी आरोप लगाया है।
पुलिस को दिए आवेदन में भभुआ थाना क्षेत्र के मोकरी गांव निवासी विनोद कुमार सिंह की पत्नी नीरू कुमारी ने आरोप लगाया कि 15 दिसंबर 2023 को सदर अस्पताल के एसएनसीयू में डॉ. अर्चना द्विवेदी द्वारा पांच महीने की बच्ची के आंख में दवा डाली गई। उसके बाद से जब आंखें खराब हुई तो दोबारा पूछने के लिए एसएनसीयू आए। जहां डॉक्टर द्वारा जबरदस्ती पटना के लिए एंबुलेंस के माध्यम से रेफर कर दिया गया। जहां पटना में भी इलाज नहीं हुआ तो 18 दिसंबर को वापस घर लौट आए। उसके बाद डॉक्टर से जब मिले तो गार्ड द्वारा गाली-गलौज करते हुए वहां से भगा दिया।
वहीं, सीएस कार्यालय पीड़ित महिला से आवेदन दिलाने पहुंचे मोकरी पंचायत के पूर्व मुखिया जयशंकर बिहारी ने बताया कि 15 दिसंबर को यह महिला अपनी बच्ची का इलाज कराने के लिए सदर अस्पताल के एसएनसीयू आई थी। वहीं पर डॉक्टर महोदया द्वारा कहा गया कि इसको निमोनिया हुआ है, इसको भर्ती करना पड़ेगा। उसके बाद डॉक्टर द्वारा दवा लिखी गई और वही दवा बच्ची की आंखों में डाल दी। उसके बाद बच्ची की एक आंख फूट गई और दूसरी आंख खराब हो गई। उन्होंने कहा कि कुछ ही दिन पहले डीएम साहब की पत्नी का सदर अस्पताल में जब प्रसव हुआ तो सारी व्यवस्था और पूरे डॉक्टर लगे हुए थे, कोई कमी नहीं रही। लेकिन यह महिला अपनी बच्ची का इलाज कराने के लिए सदर पहुंची, जिसका सही तरीके से इलाज नहीं हुआ। इस वजह से बच्ची की आंखें खराब हो गईं। इस मामले में डीएम साहब से अनुरोध किया गया है कि मामले की गंभीरता से जांच कराकर कार्रवाई करें।
इस मामले को लेकर सदर अस्पताल की सीएस डॉ. मीना कुमारी ने बताया कि एक महिला आई थी, लेकिन अभी नाम नहीं जानती हूं। वह बता रही थी कि सदर अस्पताल में इलाज की वजह से बच्ची की आंखें खराब हो गई हैं। महिला की बात से यह पता चला कि आंखों में जो दवा डालने के लिए कहा गया गया था, वह बच्ची की मां के ही द्वारा आंख में दवा डाली गई थी, जिससे आंख खराब हुई है। वहीं, इस मामले में महिला द्वारा आवेदन दिया गया है, जहां आवेदन के अधार पर मामले की जांच की जाएगी।
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