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तुप्पू गायन करते युवा।
– फोटो : संवाद
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हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर शहर के साथ लगती बंदलाधार में युवाओं ने प्राचीन परंपराओं को संजोने का बीड़ा उठाया है। मक्की की फसल आने के बाद दिवाली से पहले गांव में तुप्पू(लोक गायन) गाने की बहुत पुरानी परंपरा है, जो विलुप्त हो गई है। देर शाम युवा वाद्य ढोलक उठाकर गांव के हर घर में जाते हैं और तुप्पू का गायन करते हैं। यह सिलसिला आठ दिनों तक चलता है। युवाओं का कहना है कि कुछ साल पहले गांव में यह परंपरा बंद हो गई थी।
अब इसकी दोबारा शुरुआत की है। बुजुर्गों के मार्गदर्शन से इन युवाओं ने इस परंपरा को जीवंत कर दिया। इनमें से अधिकतर युवा कॉलेज और आईटीआई में पढ़ने वाले हैं। इनका कहना है कि जब वह छोटे थे तो गांव के युवाओं के साथ इस परंपरा को निभाते थे, लेकिन आधुनिकता का इस पर भी प्रभाव पड़ा, लेकिन एक बार फिर उन्होंने इसकी शुरुआत की है। गांव के लोग भी युवाओं की खूब सराहना कर रहे हैं।
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