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ट्रक ऑपरेटरों की बैठक।
– फोटो : संवाद
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एक तरफ राज्य सरकार और प्रदेश के आला अधिकारी एसीसी, अंबुजा सीमेंट उद्योग बहाल करवाने के लिए दिन-रात बैठकें कर रहे हैं और दूसरी तरफ अदाणी समूह ने शनिवार को 143 कर्मचारियों को स्थानांतरित कर दो बसों में इन्हें दूसरे उद्योगों के लिए रवाना कर दिया। अंबुजा से 85 और एसीसी इकाई से 58 कर्मचारियों को स्थानांतरित किया गया है। अदाणी के इस रवैये से साफ है कि वह अपनी बात से पीछे नहीं हटेंगे। अगर ट्रक ऑपरेटर किराया कम करने के लिए नहीं माने तो दोनों उद्योगों का फिर से शुरू होना मुश्किल है। कंपनी के प्रवक्ता विकास ने कहा कि मुख्य रूप से कच्चे माल और तैयार उत्पादों की उच्च परिवहन लागत और सीमेंट/क्लिंकर की बढ़ती परिचालन लागत के कारण अदाणी सीमेंट को बाध्यकारी परिस्थितियों में अपने कामकाज को स्थगित करना पड़ा है।
संयंत्रों के बंद होने के बाद कर्मचारियों के सामने सबसे बड़ा संकट अपनी आजीविका की रक्षा करना होता है। इस बात को ध्यान में रखते हुए कंपनी ने कर्मचारियों के हितों की रक्षा करते हुए उन्हें नजदीकी संयंत्रों में भेज दिया है। उन्होंने कहा कि इन कर्मचारियों का नियोजित स्थानांतरण तुरंत तीन ग्राइंडिंग प्लांट्स रोपड़, बठिंडा और नालागढ़ और तीन इंटीग्रेटेड प्लांट्स मारवाड़ मूंडवा, राबरियावास और लाखेरी को प्रभावित करेगा। उत्पादन, रखरखाव और गुणवत्ता जैसे परिचालन क्षेत्रों के लोगों को विभिन्न स्थानों पर पुनर्नियुक्त किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अदाणी सीमेंट हिमाचल प्रदेश में ट्रक यूनियनों के अड़ियल रुख के कारण पैदा हुई स्थिति से बेहद दुखी है। ट्रक ऑपरेटरों से किराया कम करने का बार-बार आग्रह किया जा रहा है, लेकिन अभी तक कोई सकारात्मक रुख नहीं है। हम इन मुद्दों को सौहार्दपूर्ण ढंग से हल करने के लिए परिवहन यूनियनों सहित सभी पक्षों से सहयोग चाहते हैं।
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