Blood Test : बॉम्बे ब्लड ग्रुप! डेंगू पीड़ित बिहार की बच्ची का यह ग्रुप है, रेयरेस्ट ऑफ रेयर रक्त कौन मंगा रहा

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सार

Bombay Blood Group : एम्स समेत पटना के लगभग सभी बड़े सरकारी-प्राइवेट अस्पताल डोनेशन के लिए जरूरतमंद बच्ची का ब्लड क्रॉस-मैच नहीं करा सके, क्योंकि इसका एक भी डोनर ही नहीं यहां। देश में ही कुल 400 डोनर हैं- ऐसा रेयरेस्ट ऑफ रेयर है बॉम्बे ब्लड ग्रुप।

Even blood test unavailable to detect bombay blood group in aiims patna, rarest blood test of muslim girl

देशभर में इस ग्रुप के महज 400 ही डोनर।
– फोटो : pixabay

विस्तार


वह 14 साल की है। अब्बू-अम्मी ने कभी उसके ब्लड को जांचने की जरूरत नहीं समझी, क्योंकि कभी इस तरह बीमार नहीं पड़ी थी। रोहतास में जब उसे डेंगू बताया गया तो खून चढ़ाने के लिए सैंपल लेकर क्रॉस-मैच कराया गया। बताए गए ओ पॉजिटिव ग्रुप के किसी सैंपल से मैच नहीं हुआ। जान बचाने के लिए दौड़ते-भागते परिवार वाले मंगलवार को पटना एम्स पहुंच गए। उसी रात करीब दो बजे रिपोर्ट आई कि यहां ओ पॉजिटिव ब्लड चढ़ाना पड़ेगा। एम्स के ओ पॉजिटिव सैंपल से मैच नहीं हुआ। पीएमसीएच में ओ पॉजिटिव खून ही नहीं था। रेड क्रॉस में भी मैच नहीं हुआ। इसके बाद कई प्राइवेट अस्पतालों में भी समाधान नहीं हुआ। कई जगह टालने के लिहाज से दरियापुर स्थित मां ब्लड सेंटर भेज दिया गया। यहां अजूबा हो गया। पीएमसीएच ब्लड बैंक के रिटायर्ड प्रभारी डॉ. यूपी सिन्हा ने रसायनों से जांच करते-करते अचानक हैरत से आवाज लगाई- बॉम्बे ब्लड ग्रुप! मैचिंग ही असंभव है यहां। पूरे देश में 400 डोनर हैं इस रेयरेस्ट ऑफ रेयर ब्लड ग्रुप के। बिहार में कोई है नहीं। किसी ने सोशल मीडिया पर एक ब्लड बैंक में रक्त उपलब्ध होने की बात कही, हालांकि परिजनों के अनुसार वहां से भी यह सैंपल मैच हुए बगैर लौट चुका था। 

डोनर ढूंढ़ना शुरू किया तो लोग हैरत में

इस ग्रुप का पता ज्यादातर लोगों को नहीं। सभी डॉक्टरों ने शायद पढ़ा हो, लेकिन कभी पाला नहीं पड़ा। जब ‘ब्लड मैन’ के नाम से मशहूर मुकेश हिसारिया ने सोशल मीडिया पर इसके डोनर को ढूंढ़ना शुरू किया तो देशभर से हैरत के साथ सवाल आने लगे। लेकिन, आम लोगों के सामूहिक प्रयास से शुरू हुए मां ब्लड सेंटर की पूरी टीम समानांतर तौर पर जरूरतमंद बच्ची के लिए खून के इंतजाम में लग गई। बॉम्बे ब्लड ग्रुप के खून की तलाश सबसे पहले मुंबई में ही की गई और सफलता भी हाथ लग गई। बच्ची के अब्बू को बताया गया तो वह उम्मीद की खुशी से रोने लगे कि अब उनकी बेटी बच जाएगी। चार प्रतिशत खून है और डेंगू के कारण जान पर खतरा बना हुआ है। उन्हें देर रात बता दिया गया कि जुमे के रोज उनकी बेटी को बचाने के लिए मुंबई से खून (PRBC) पहुंच जाएगा।

मुंबई से आज दोपहर बाद आएगा रक्त

मां ब्लड सेंटर के डॉ. यूपी सिन्हा ने कहा- “इसकी पहचान ही आसान नहीं, तभी तो हर जगह दूसरे ग्रुप से मैच कराया जाता रहा। बहुत मुश्किल से ग्रुप का पता चला। मेरी याद में बिहार में यह दूसरा केस आया है। तीन-चार साल पहले पीएमसीएच ने किसी संस्था की मदद से इस ग्रुप का ब्लड मंगवाया था। इस बार जब एम्स से लेकर हर जगह से क्रॉस-मैच नहीं होने के कारण केस मां ब्लड सेंटर पहुंचा तो इसका फॉर्मूला पता होने के कारण यहां ग्रुप की जांच की गई। बॉम्बे ब्लड ग्रुप या एचएच ब्लड ग्रुप देखकर यह पक्का था कि बिहार में डोनर नहीं हैं, इसलिए मुंबई का रुख किया गया। शुक्रवार को दोपहर बाद रक्त पटना आ जाएगा। इसके लिए ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट के तहत कागजी प्रक्रिया मां ब्लड सेंटर ने पूरी कर भेज दी है।”

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