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वेतन भुगतान को लेकर धरने पर बैठे बीएनएमयू कर्मचारी
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
चार महीने से वेतन न मिलने से नाराज कर्मचारियों ने शनिवार को तीसरे दिन भी बीएन मंडल विश्वविद्यालय मुख्यालय मधेपुरा में धरना दिया। कर्मचारियों के धरना प्रदर्शन के कारण शुक्रवार को भी विश्वविद्यालय में कामकाज बाधित रहा। इससे पहले कर्मचारियों ने गुरुवार की रात करीब साढ़े 10 बजे तक बीएनएमयू के मुख्य द्वार के सामने धरना दिया था। शुक्रवार को पूर्व कुलसचिव डॉ. कपिलदेव प्रसाद ने भी धरना स्थल पर पहुंचकर कर्मचारी नेताओं से बातचीत की थी।
प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों का साफ तौर पर कहना है कि जिस तरह शिक्षक और विभिन्न महाविद्यालयों के कर्मचारियों को दो महीने का वेतन देने का निर्णय लिया गया है। उसी तरह सीएफएमएस के माध्यम से उन लोगों को भी वेतन का भुगतान किया जाए। उन लोगों ने आंतरिक स्रोत से अग्रिम भुगतान लेने से साफ मना कर दिया। इसे कुलपति मानने के लिए तैयार नहीं हैं। कुलपति का कहना है कि शिक्षा विभाग ने इन 86 कर्मचारियों के वेतन भुगतान का आदेश नहीं दिया है। दुर्गा पूजा को देखते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन ने अपने स्तर से सभी 86 कर्मचारियों को आंतरिक स्रोत से अग्रिम भुगतान का निर्णय लिया है। वहीं, कर्मचारियों ने कहा कि जब तक सीएफएमएस के माध्यम से वेतन भुगतान नहीं होगा, तब तक हड़ताल जारी रहेगी।
कुलपति के प्रस्ताव को किया खारिज
कुलपति ने कर्मचारियों से वार्ता के दौरान कहा कि शिक्षा विभाग ने उन लोगों के वेतन भुगतान का आदेश नहीं दिया है। दुर्गा पूजा को देखते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन ने आंतरिक स्रोत से दो महीने के लिए 25 हजार और 20 हजार रुपये प्रतिमाह की दर भुगतान करने का निर्णय लिया है।
कुलपति के प्रस्ताव को कर्मचारियों ने सिरे से खारिज करते हुए कहा कि जब तक उन लोगों को सीएफएमएस के माध्यम से वेतन भुगतान नहीं होगा, तब तक हड़ताल जारी रहेगी। साथ ही कर्मचारियों ने कहा कि 2017 से मई 2023 तक उन लोगों के वेतन का भुगतान हुआ है। लेकिन जून से अब तक वेतन का भुगतान नहीं किया गया। विवि प्रशासन द्वारा अब आंतरिक स्रोत से अग्रिम राशि देने की बात कही जा रही है, जिस पर वे लोग राजी नहीं हैं।
गुरुवार रात 10.30 बजे पूर्णिया के लिए रवाना हुए थे कुलपति
कर्मचारियों के आंदोलन के कारण कुलपति प्रो. राजनाथ यादव गुरुवार रात साढ़े 10 बजे तक कार्यालय में ही बैठे रहे। आंदोलन की सूचना पर पहुंचे सदर बीडीओ अखिलेश कुमार, सीओ योगेंद्र दास और सदर थानाध्यक्ष राजकिशोर मंडल ने कुलपति और कर्मचारी नेताओं से काफी देर तक बातचीत की। बाद में कर्मचारियों ने कहा कि वे लोग कुलपति को रोक नहीं रहे हैं। अगर वे जाना चाहते हैं तो जा सकते हैं। लेकिन उन लोगों की अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रहेगी। उन लोगों ने कहा कि चार महीने से वेतन नहीं मिलने के कारण उन लोगों की आर्थिक स्थिति काफी दयनीय हो गई है। दुर्गा पूजा के अवसर पर भी वेतन नहीं दिया जाना विश्वविद्यालय प्रशासन की संवेदनहीनता को दर्शाता है।
अधिकारियों को मेन गेट से लौटाया वापस
शुक्रवार को भी कर्मचारियों की हड़ताल जारी रही थी। सभी कार्यालयों को बंद कर कर्मचारी दिन भर मुख्य द्वार के पास धरने पर बैठे रहे थे। इस दौरान कार्यालय जा रहे कुलसचिव के साथ कर्मचारियों की तीखी बहस भी हुई थी। कर्मचारियों ने किसी भी अधिकारी को कार्यालय जाने नहीं दिया था। इस अवसर पर विश्वविद्यालय मुख्यालय कर्मचारी महासंघ के सचिव अखिलेश्वर नारायण, पृथ्वीराज यदुवंशी, संतोष कुमार, हीरेंद्र कुमार, विमल कुमार, सीएस पांडेय, नमन कुमार, राजकुमार, डॉली कुमारी और सच्चिदानंद यादव सहित काफी संख्या में कर्मचारी मौजूद रहे।
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