[ad_1]

बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी)
– फोटो : अमर उजाला ग्राफिक्स
विस्तार
देश की सबसे बड़ी शिक्षक भर्ती परीक्षा तो संपन्न हो गई। अब बिहार लोक सेवा आयोग 9वीं से लेकर 12वीं कक्षा के शिक्षक भर्ती परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों को डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए आमंत्रण पत्र भी भेज दिया। BPSC ने नोटिस जारी कर इसकी जानकारी दी। आयोग के अनुसार, विद्यालय अध्यापक नियुक्ति प्रतियोगिता परीक्षा के 9वीं, 10 वीं (माध्यमिक), 11वीं और 12वीं कक्षा (माध्यमिक) के लिए अध्यापक नियुक्ति प्रतियोगिता परीक्षा में शामिल अभ्यर्थियों द्वारा ऑनलाइन आवेदन करते समय अपलोड किए गए डॉक्यूमेंट का सत्यापन उसके मूल प्रमाण-पत्र के साथ 4 सितंबर से 12 सितंबर तक जिला स्तर पर किया जाना है। आयोग ने यह भी कहा कि बिहार के बाहर के अभ्यर्थियों का दस्तावेज सत्यापन पटना मुख्यालय से करवाया जाएगा। अभ्यर्थी अपना दस्तावेज सत्यापन निर्धारित दस्तावेज का सत्यापन निर्धारित अवधि के अंदर अपने जिला मुख्यालय में करवा लें।
दिव्यांग अभ्यर्थियों के लिए यह जरूरी सूचना
विद्यालय अध्यापक नियुक्ति प्रतियोगिता परीक्षा के 9वीं, 10 वीं (माध्यमिक), 11वीं और 12वीं कक्षा (माध्यमिक) के दिव्यांग अभ्यर्थियों का मेडिकल एक सितंबर से 8 सितंबर तक जिला स्तर पर गठित मेडिकल बोर्ड द्वारा करवाया जाएगा। यह बोर्ड दिव्यांगता की जांच करेगी। यदि विशेष कारणों से दिव्यांगता की जांच जिला स्तर पर गठित मेडिकल बोर्ड संभव नहीं हो तो ऐसी स्थिति में वैसे दिव्यांग अभ्यर्थी IGIMS/ PMCH में अग्रसारित करेंगे। बिहार के बाहर के अभ्यर्थियों का दस्तावेज सत्यापन पटना मुख्यालय से करवाया जाएगा।
75 फीसदी सीट भरने के लिए घटाया जा सकता है कटऑफ
बीपीएससी के अध्यक्ष अतुल प्रसाद ने स्पष्ट कहा कि 75 फीसदी तक सीट भरने के लिए कटऑफ घटाया जा सकता है। दरअसल, जेनरल श्रेणी के लिए 40 फीसदी, BC के लिए 36.5 फीसदी, EBC के लिए 34 फीसदी, SC और ST के लिए 32 फीसदी और सभी वर्ग की महिलाओं 32 फीसदी न्यूनतम अर्हता अंक तय किए गए हैं।
गुरु एम रहमान बोले- 60 से कम नहीं जाएगा कटऑफ
वहीं बीपीएससी और यूपीएससी परीक्षा के एक्सपर्ट गुरु एम रहमान ने कहा कि सामान्य श्रेणी में पुरुष वर्ग के लिए 60 से कम कटऑफ नहीं जाएगा। महिला वर्ग के लिए 50 से कम कटऑफ नहीं जाएगा।सुप्रीम कोर्ट ने बीएड अभ्यर्थियों को लेकर जो आदेश दिया है, उसे देखते हुए उनका रिजल्ट प्रभावित हो सकता है। इसलिए बीएड अभ्यर्थियों से अपील है कि वह कोर्ट में इस मामले को लेकर याचिका दायर करें।
[ad_2]
Source link