Cabinet Decision: ड्रोन से होगी अवस्थापना प्रोजेक्ट की निगरानी, काशी की तर्ज पर बनेगा हरकी पैड़ी कॉरिडोर

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सीएम पुष्कर सिंह धामी

सीएम पुष्कर सिंह धामी
– फोटो : अमर उजाला

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उत्तराखंड सरकार के अवस्थापना से जुड़े कार्यों की निगरानी ड्रोन से होगी। सरकार उन इलाकों में दोपहिया एंबुलेंस चलाएगी, जहां चौपहिया एंबुलेंस के पहुंचने में कठिनाई है। चौबटिया में आयुष हब बनाया जाएगा। प्रदेश मंत्रिमंडल ने ऐसे करीब 21 प्रस्तावों पर सैद्धांतिक मंजूरी दी। ये सभी फैसले दिसंबर महीने में हुई प्रशासनिक अधिकारियों की कांफ्रेंस में लिए गए थे। नियोजन विभाग के एक कैबिनेट नोट के माध्यम से प्रस्ताव रखा था। प्रत्येक निर्णय के लिए समय-सीमा तय होगा। यहां प्रस्तुत हैं कि वे फैसले जिन पर कैबिनेट ने मंजूरी दी।

इन प्रस्तावों पर भी लगी मुहर

  • हरकी पौड़ी का महाकाल उज्जैन एवं काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की तर्ज पर होगा विकास।
  • बीमार एवं जरूरतमंद लोगों तक शीघ्र पहुंचने के लिए पर्वतीय क्षेत्रों में बाइक-एंबुलेंस एवं स्वास्थ्य कियोस्क, फील्ड कर्मियों के लिए बाइक की व्यवस्था।
  • पिथौरागढ़ के धारचूला स्थित गूंजी में उप तहसील
  • वन क्षेत्रों में अप्रयुक्त संसाधनों को चिन्हित कर रोजगार व राजस्व में वृद्धि के लिए योजना तैयार।
  • पर्वतीय क्षेत्रों में मत्स्य तालाब निर्माण 100 से 50 वर्ग मीटर किया जाएगा।
  • रानीखेत स्थित चौबटिया उद्यान आयुष हब के रूप में विकसित होगा।
  • सड़क हादसों को रोकने के लिए क्रैश बैरियर लगेंगे।
  • जिला सेक्टर योजना के लिए पूरे साल का कैलेंडर तैयार होगा।
  • जिला योजना के तहत योजनाओं का न्यूनतम बजट तीन लाख करना होगा।
  • शहरों से भीड़ कम करने के लिए सार्वजनिक सुविधाओं को अन्य स्थान पर स्थापित होंगी।
  • शहरी क्षेत्रों के पार्कों, सड़कों, दुकानों का पहाड़ी शैली में सौंदर्यीकरण होगा।
  • माल रोड नैनीताल की तर्ज पर अल्मोड़ा में पटाल बाजार विकसित होगा।
  • हर जिले में कम से कम एक सामुदायिक रेडियो स्थापित किया जाएगा। आपदा प्रबंधन विभाग नोडल एजेंसी होगा।
  • जीएमवीएन व केएमवीएन का विलय करते हुए नए पर्यटन क्षेत्रों का विकास होगा।
  • विश्व बैंक और एडीबी के सहयोग से पिंडारी ग्लेशियर एवं अन्य मार्गों पर बने बुनियादी ढांचे का उपयोग पीपीपी अवधारणा पर किया जाएगा।
  • राज्य में गुफा पर्यटन को बढ़ावा दिया जाएगा। ऐसे स्थान चिन्हित होंगे।
  • सीमांत जिलों में इनर-लाइन पास के लिए ऑनलाइन सिस्टम बनाया जाएगा।
  • खिलाड़ियों के लिए उच्च ऊंचाई वाले स्थान पर प्रशिक्षण केंद्र स्थापित होगा।

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