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जातिगत जनगणना
– फोटो : अमर उजाला
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“जनगणना का अधिकार केंद्र सरकार में निहित होता है”- इसका ध्यान रखते हुए अब देश के दूसरे राज्यों में भी वहां की राज्य सरकार जाति आधारित सर्वे करा सकती हैं। पटना हाईकोर्ट में मंगलवार को आए फैसले के बाद याचिकाकर्ता सुप्रीम कोर्ट जा रहे हैं, लेकिन अब यह नजीर बन गया है। पटना हाईकोर्ट ने अंतरिम फैसले में जातीय जनगणना बताते हुए बिहार में इसपर रोक लगाई थी, लेकिन अब अंतिम फैसले में इसे सर्वे की तरह कराने की छूट दे दी गई है। राजस्थान समेत कांग्रेस शासित राज्यों में तो इस फैसले का इंतजार हो ही रहा था, भाजपा शासित उत्तर प्रदेश की भी नजर पटना हाईकोर्ट के फैसले पर थी।
मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने चुनाव जीतने के बाद जातीय जनगणना कराने की घोषणा की
जुलाई माह के अंतिम सप्ताह में मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने जातीय जनगणना कराने की घोषणा की थी। एमपी के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने एलान किया था कि अगर विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस की सरकार बनती है तो जातिगत जनगणना करवाई जाएगी। कमलनाथ ने कहा था कि एमपी में पिछड़ों की आबादी 55 फीसदी है। जातिगत जनगणना से यह पता चल पाएगा कि राज्य में कितने लोग गरीब हैं। पिछड़े वर्ग की जातियों की वास्तविक स्थिति का भी पता लगाया जा सकेगा।
उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी लगातार जातीय जनगणना कराने की मांग कर रही
इधर, उत्तर प्रदेश में पहले ही पिछड़ों की राजनीति करने और खेल बिगाड़ने का मौका विपक्ष को न मिले, इसलिए यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने भी सियासी दांव चलते हुए जातिगत जनगणना का समर्थन कर चुके हैं। हालांकि, उत्तर प्रदेश सरकार ने खुलकर इसके बारे में कुछ नहीं कहा है। वहीं समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोक दल के नेता कई बार प्रदेश में जातीय जनगणना कराने की बात कह चुके हैं। फरवरी में तो विधानसभा सत्र के दौरान
विधानसभा में जातीय जनगणना के मुद्दे पर समाजवादी पार्टी के विधायकों ने भाजपा सरकार को घेरते हुए हंगामा किया था और सदन में धरना भी दिया था।
बिहार में विपक्ष में बैठी भाजपा ने भी जातीय जनगणना को स्वीकृति दे दी है
वहीं हाल में बेगलुरु में हुई विपक्षी एकता की बैठक में जातीय जनगणना पर भी चर्चा हुई थी। करीब-करीब सभी पार्टी इसको लेकर अपना समर्थन दे चुकी है। बिहार में तो भाजपा भी जातीय जगगणना कराने के पक्ष में होने का दावा करती आई है। नीतीश कुमार जब भाजपा के साथ गठबंधन में थे, तब ही भाजपा ने जातीय जनगणना कराने के लिए अपनी सहमति दे दी थी।
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