Chaiti Chhath 2024: आज छठ व्रती देंगे अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य, जानें शुभ मुहूर्त पूजा विधि और छठी मइया की आरती

[ad_1]

Chaiti Chhath 2024: आज 14 अप्रैल दिन रविवार को अस्ताचलगामी सूर्य को छठव्रती भगवान सूर्यदेव को अर्घ्य अर्पित करेंगे. आज भगवान सूर्य को अर्घ्य अर्पित करने का शुभ समय शाम 5 बजकर 20 मिनट से लेकर 5 बजकर 55 मिनट तक है. इस दिन मिट्टी के चूल्हे पर या ईंट के चूल्हे पर छठी मैया का प्रसाद तैयार किया जाता है. छठी मइया के प्रसाद में विशेषकर ठेकुआ तैयार किया जाता है. इसके साथ ही मौसमी फल का दउरा तैयार किया जाता है. शाम होने पर छठ व्रती पूरे परिवार के साथ छठ घाट पर पहुंचते हैं और छठी मइया की विधि-विधान से पूजा अर्चना कर सूर्यदेव को अर्घ्य अर्पित करते है.

उदयीमान भगवान भास्कर को ऐसे दें अर्घ्य

उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही महापर्व छठ का समापन हो जाएगा. 15 अप्रैल 2024 दिन सोमवार को छठ वर्ती अस्ताचलगामी भगवान भाष्कर को अर्घ्य अर्पित करेंगी. इसके साथ ही महापर्व का समापन हो जाएगा. सोमवार को सुबह 5 बजकर 45 मिनट से लेकर 5 बजकर 55 मिनट तक सूर्य देवता को अर्घ्य अर्पित करने का शुभ मुहूर्त है.

छठ पूजा सामग्री
गन्ना, पानी वाला नारियल, अक्षत, पीला सिंदूर, दीपक, घी, बाती, कुमकुम, चंदन, धूपबत्ती, कपूर, दीपक, अगरबत्ती, माचिस, फूल, हरे पान के पत्ते, साबुत सुपाड़ी, शहद छठ पूजा सामग्री में शामिल करें.

Aalso Read: Aaj Ka Rashifal 14 April 2024: आज का दिन इन 5 राशि वालों के लिए रहेगा शुभ, जानें 12 राशियों के लिए कैसा रहेगा पूरा दिन

छठ पूजा विधि

आज छठ पर्व का तीसरा दिन चैत्र शुक्ल षष्ठी है. इस दिन को संध्या अर्घ्य के नाम से भी जाना जाता है. आज छठ पूजा के लिए विशेष प्रसाद जैसे ठेकुआ, चावल के लड्डू बनाएं. छठ पूजा के लिए एक बांस की बनी दउरा में पूजा प्रसाद, फल डालकर देवकारी में रखें. वहां पूजा अर्चना करने के बाद शाम को एक सूप में नारियल,पांच प्रकार के फल,और पूजा का अन्य सामान लेकर दउरा में रख कर घर का पुरुष अपने हाथों से उठाकर छठ घाट पर लेकर जाएं. छठ घाट की तरफ जाते हुए रास्ते में प्रायः महिलाये छठ का गीत गाते हुए जाती है. नदी या तालाब के किनारे जाकर महिलाये घर के किसी सदस्य द्वारा बनाये गए बेदी पर बैठती है. बेदी पर पूजा का सारा सामान रखकर नारियल चढाते है और दीप जलाते है. सूर्यास्त से कुछ समय पहले सूर्य देव की पूजा का सारा सामान लेकर घुटने भर पानी में जाकर खड़े हो जाते है और डूबते हुए सूर्य देव को अर्घ्य देकर पांच बार परिक्रमा करते है.

छठ मइया की आरती

जय छठी मईया ऊ जे केरवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए।
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए॥जय॥
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।
ऊ जे नारियर जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए॥जय॥
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय॥जय॥
अमरुदवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए।
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए॥जय॥
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।
शरीफवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए॥जय॥
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय॥जय॥
ऊ जे सेववा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए।
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए॥जय॥
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।
सभे फलवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए॥जय॥
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय॥जय॥

ज्योतिष संबंधित चुनिंदा सवालों के जवाब प्रकाशित किए जाएंगे
यदि आपकी कोई ज्योतिषीय, आध्यात्मिक या गूढ़ जिज्ञासा हो, तो अपनी जन्म तिथि, जन्म समय व जन्म स्थान के साथ कम शब्दों में अपना प्रश्न radheshyam.kushwaha@prabhatkhabar.in या WhatsApp No- 8109683217 पर भेजें. सब्जेक्ट लाइन में ‘प्रभात खबर डिजीटल’ जरूर लिखें. चुनिंदा सवालों के जवाब प्रभात खबर डिजीटल के धर्म सेक्शन में प्रकाशित किये जाएंगे.

[ad_2]

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *