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मनोहर लाल (फाइल फोटो)
– फोटो : संवाद
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सलूणी उपमंडल की भांदल पंचायत के संघणी गांव के मनोहर लाल की बर्बरतापूर्वक हुई हत्या ने भले ही लोगों को झकझोर दिया हो, लेकिन सदियों से हिंदू-मुस्लिम समुदाय में चला आ रहा सांप्रदायिक सौहार्द आज भी कायम है। लापता होने के बाद मनोहर को उसके परिजन, पंचायत प्रतिनिधि और मुस्लिम समुदाय के युवा ढूंढते रहे। शव के टुकड़ों को बोरों में भरकर दोनों समुदायों के लोगों ने अस्पताल पहुंचाया। अंतिम संस्कार में भी सभी शामिल हुए।
गम में डूबे माता-पिता और परिवार को ढांढस बंधाने के साथ दोनों समुदायों के लोग मदद कर रहे हैं। जिले के अधिकांश क्षेत्रों में एक तिहाई तो कई क्षेत्र 50 प्रतिशत मुस्लिम बहुल हैं। दोनों समुदायाें के लोग आपसी सौहार्द से जीवनयापन करते हैं। जिले के सबसे बड़े व ऐतिहासिक मिंजर मेले का आगाज भी मुस्लिम परिवार के सदस्य मिर्जा परिवार लक्ष्मीनाथ भगवान को मिंजर अर्पित कर करते हैं। ईद, होली, दिवाली मिलकर मनाते हैं।
दोनों समुदायों में होने वाले शादी ब्याह से लेकर दुख तक की घड़ी में सभी आपस में मिलजुल कर एक-दूसरे के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहते हैं। बता दें कि चंबा के लोगों का जम्मू-कश्मीर से भी गहरा नाता है। दोनों राज्यों के लोगों की आपस में रिश्तेदारियां हैं। पवित्र मणिमहेश यात्रा के शुभारंभ के दौरान हर साल जम्मू के भद्रवाह का एक जत्था यहां दर्शन के लिए आता है।
सलूणी उपमंडल के पवन ठाकुर, संजय शर्मा, सराजू मांगरा, याकूब मांगरा ने बताया कि लोग यहां मिलजुल कर रहते आ रहे हैं और आगे भी ऐसे ही रहेंगे। हिंदू परिवार की बेटियों की शादी में मायका पक्ष की ओर से दी जाने वाली दावत में मुस्लिम समुदाय के लोग शामिल होते हैं, जबकि मुस्लिम समुदाय की ईद में हिंदू परिवार दावत में शामिल होते हैं।
क्षेत्र में किसी भी समुदाय का व्यक्ति अगर बीमार हो जाए तो उसे अस्पताल पहुंचाने का जिम्मा सभी का रहता है। बावजूद इसके वर्तमान में बाहर से आने वाले कुछ लोग क्षेत्र में अपने स्तर पर राजनीति करने की चाह रख रहे हैं, जिसे दोनों समुदाय के लोग कामयाब नहीं होने देंगे। डीसी अपूर्व देवगन और एसपी अभिषेक यादव ने बताया कि क्षेत्र में दोनों समुदाय के लोग आपस में मिलजुल कर शांतिपूर्ण तरीके से रहते हैं।
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