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गेंदा की फसल
– फोटो : अमर उजाला
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आकांक्षी जिला चंबा के गेंदा फूल की खुशबू से अमेरिका और जर्मनी भी महक रहे हैं। सिहुंता, सलूणी, भरमौर, जसौरगढ़ से गेंदा फूल से तैयार 10 क्विंटल (असेंशियल ऑयल) तेल बाहरी देशों में भेजा गया है। इससे करीब डेढ़ करोड़ रुपये की आमदनी हुई है। विश्व के बाजारों में सुगंधित गेंदा फूल के तेल की मांग काफी अधिक है। गुजरात की कंपनियों की चार टन की मांग भेजना अभी शेष है। गेंदा फूल से तैयार सुगंधित तेल किसानों-बागवानों को मालामाल कर रहा है।
देश के आकांक्षी जिलों में अरोमा मिशन किसानों-बागवानों की आमदनी बढ़ाने के लिए क्रियान्वित किया गया है। बंदरों, सूअरों के आतंक और ओलावृष्टि आदि के कारण फसलें नष्ट होने के कारण धीरे-धीरे किसान-बागवान खेतीबाड़ी से विमुख हो रहे है। इससे उपजाऊ भूमि बंजर हो रही है। केंद्र सरकार और सीएसआईआर ने उपजाऊ भूमि और बागवानों-किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए अरोमा मिशन शुरू किया है।
पहले चरण में जिले के किसानों को 400 किलोग्राम गेंदा फूल का बीज निशुल्क मुहैया करवाया गया। इसे बागवानों ने खाली जमीनों में रोपित कर 2022 में दस क्विंटल सुगंधित तेल निर्यात कर डेढ़ करोड़ की आमदनी की। सीएसआईआर-आईएचबीटी ने चंबा जिले में 13 सुगंधित गेंदा फूल रोपित करने और तेल निष्कर्षण इकाइयां स्थापित की हैं।
गेंदा फूल की खासियत
सुगंधित गेंदा फूल की खासियत है कि जैविक और अजैविक तनाव का सामने करने में सक्षम है। यह चराई और लावारिस मवेशियों से प्रभावित नहीं होता है। सुगंधित तेल का उपयोग इत्र, भोजन, स्वाद, दवा और कृषि रसाइन उद्योग में किया जाता है।
सीएसआईआर-आईएचबीटी के निदेशक डॉ. संजय कुमार ने बताया कि वैश्विक असेंशियल ऑलकी मांग दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है। 2022 के दौरान विश्व में असेंशियल ऑयल की मांग 8.8 बिलियन अमरीकी डॉलर है। यह 2027 में 16.34 अमरीकी डॉलर तक बढ़ने का अनुमान हैं। बताया कि पिछले वर्ष सुगंधित गेंदा फूल 12 से 13 हजार रुपये प्रति किलोग्राम, जबकि वर्ष 2022 में 13 से 15 हजार रुपये प्रति किलोग्राम कीमत रही है।
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