Chandrayaan 3 : इलाहाबाद विवि में भी है चांद के रहस्य का पता लगाने वाला उपकरण, शोध में किया जाता है प्रयोग

[ad_1]

Chandrayaan 3: Equipment used to detect the mystery of the moon in Allahabad University, research has been don

इंड्यूस्ड ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोपी, लिब्स।
– फोटो : अमर उजाला।

विस्तार


चंद्रयान तृतीय की सफल लैंडिंग के बाद अब पूरी दुनिया की नजर भारत पर टिक गई है। चंद्रयान में प्रज्ञान रोवर के साथ लेजर इंड्यूस्ड ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोपी (लिब्स) नाम का उपकरण भी है, जो चांद के रहस्यों को उजागर करेगा। यह उपकरण इलाहाबाद विश्वविद्यालय (इविवि) के भौतिक विज्ञान विभाग की प्रयोगशाला में भी है।

चंद्रयान प्रथम की डाटा एनालिसिस टीम के सदस्य रहे प्रो. जेके पति बताते हैं कि चंद्रयान तृतीय जहां उतरा है, उसका लैटीट्यूड 70 डिग्री साउथ है। वहां सूरज की रोशन नहीं पड़ती है। बड़े-बड़े क्रेटस यानी गड्ढे हैं, जहां मौजूद पानी न जाने कितने वर्षों से बर्फ के रूप जमा हुआ है। लिब्स के जरिये किसी भी पदार्थ पर लेजर किरणें डालते ही कुछ ही मिनटों में पता लगाया जा सकता है कि उनमें कौन से तत्व मिले हैं। इविवि के भौतिक विज्ञान विभाग के कई शोध में भी लिब्स का प्रयोग किया जाता है।

चांद के साउथ पोल में उपलब्ध बर्फ, मिट्टी, पत्थरों के बारे में लिब्स के जरिये कई महत्वपूर्ण जानकारियां मिलेंगी। प्रो. जेके पति ने बताया कि चांद में कई जगहों पर तापमान माइनस 200 डिग्री तक पहुंच जाता है तो कुछ जगहों पर तापमान इतना अधिक होता है कि पानी उबलने लगे। प्रज्ञान रोवर में एक थर्मामीटर भी लगा है, जो प्रत्येक सेंटीमीटर पर पर चांद की सतह के तापमान का पता लगा सकता है।

[ad_2]

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *