[ad_1]

एक दूसरे सिंदूर लगातीं व्रती।
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा की शुरुआत नहाय खाय से हो गई है। चार दिवसीय महापर्व में व्रती अपनी संतान की लंबी आयु के लिए भगवान सूर्यनारायण की आराधना करती हैं। चैत्र में भी छठी मैय्या और सूर्य देव की पूजा का विधान है। इस बार चैत्र छठ पर्व की शुरुआत 12 अप्रैल को नहाय खाय के साथ हुई। 15 अप्रैल को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ इसका समापन होता है।
चौबीस घंटो से अधिक समय तक निर्जल व्रत रखते हैं
इधर, पटना के गांधी घाटों पर बड़ी संख्या में छठ करने वाले परवर्तियों की भीड़ देखी गई। जिला प्रशासन की ओर से 15 अप्रैल तक सुरक्षा की व्यापक इंतजाम किए गए हैं। गंगा घाट पर आस्था की डुबकी लगाने आईं महिलाओं ने कहा कि यह व्रत संतान की लंबी उम्र, उसके स्वास्थ्य और सुखमय जीवन की कामना के साथ रखा जाता है। यह व्रत सबसे कठिन व्रतों में से एक माना जाता है। 36 घंटों तक कठिन नियमों का पालन करते हुए इस व्रत को रखा जाता है। इस दौरान व्रती चौबीस घंटो से अधिक समय तक निर्जल व्रत रखते हैं।
[ad_2]
Source link