Cold Wave Himachal: हिमाचल में 36 साल बाद मई में फिर लौटकर आई ठंड, कई क्षेत्रों का न्यूनतम पारा माइनस में

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हिमाचल प्रदेश में 36 साल बाद मई में ठंड फिर लौटकर आई है। कई क्षेत्रों में न्यूनतम पारा माइनस में चल रहा है। वर्ष 1987 के बाद शिमला, मनाली, कल्पा, धर्मशाला, ऊना और पालमपुर का इस वर्ष सबसे कम अधिकतम और न्यूनतम पारा दर्ज हुआ है। 1988 से 2022 के दौरान मई में तापमान अधिक दर्ज हुआ है, लेकिन इस वर्ष पश्चिमी विक्षोभ के अधिक सक्रिय होने से मई में भी कई क्षेत्रों में कड़ाके की ठंड है।

पहाड़ों पर बर्फबारी और अन्य क्षेत्रों में रोजाना बारिश और ओलावृष्टि का दौर जारी है। प्रदेश में इस वर्ष अधिकतम तापमान आठ से 36 डिग्री के बीच रहा है। अमूमन इन दिनों कई क्षेत्रों में पारा 40 डिग्री पार होने से लू का सामना भी करना पड़ता था। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक सुरेंद्र पॉल ने बताया कि इस वर्ष मई के दौरान अधिकतम और न्यूनतम तापमान सामान्य से कम रहे हैं। 



1 से 9 मई तक प्रदेश में गर्मी का मौसम आ जाता था, लेकिन इस बार मौसम में ठंडक बनी हुई है। निदेशक ने बताया कि मौसम विज्ञान केंद्र के पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2023 के मई में वर्ष 1987 के मई जैसे हालात हैं। प्रदेश का अधिकतम और न्यूनतम तापमान इन दिनों 36 साल पहले जैसा रिकॉर्ड हुआ है।


क्षेत्र             अधिकतम तापमान मई 2023        अधिकतम तापमान मई 1987 (तापमान डिग्री सेल्सियस में)

शिमला            12.4 से 22.4                             10.1 से 17.6

मनाली             11.4 से 19.4                             12.0 से 22.7

कल्पा             8.4 से 18.2                                8.0 से 12.5

धर्मशाला        17.2 से 27.0                               18.7 से 26.9

ऊना             22.2 से 36.0                               25.0 से 32.0

पालमपुर     16.5 से 26.5                                 17.6 से 20.3

                                             


धर्मशाला में 14, केलांग में चार साल बाद सबसे ठंडी रात

मई में धर्मशाला में 14 और केलांग में चार साल बाद सबसे ठंडी रात रिकॉर्ड हुई। 8 जून की रात धर्मशाला में न्यूनतम तापमान 8.4 डिग्री रिकॉर्ड हुआ। इससे पूर्व 6 मई 2009 को धर्मशाला में न्यूनतम पारा 8.7 डिग्री दर्ज हुआ था। केलांग में सोमवार रात को न्यूनतम पारा माइनस 2.6 डिग्री रहा। इससे पहले 2 मई 2019 को केलांग में न्यूनतम तापमान माइनस 1.6 डिग्री रहा था।


 सेब, मटर की फसल तबाह

जनजातीय जिला किन्नौर में हुई बर्फबारी ने बागवानों को खासा नुकसान पहुंचाया है। सोमवार रात को जिले में बर्फबारी होने से सेब सहित अन्य नगदी फसलों को करोड़ों रुपये का नुकसान पहुंचा है। जिले में 15 से 23 सेंटीमीटर तक हिमपात हुआ है। मई महीने में हो रही बर्फबारी से बागवान खासे चिंतित हैं। सांगला वैली, पूह खंड और कल्पा खंड में ताजा बर्फबारी होने से किसानों-बागवानों की कमर टूट गई है। बर्फबारी से सांगला वैली की छितकुल, रक्षम, बटसेरी, थेमगारंग, सांगला, कामरू, चांसू, शौंग, ब्रुआ, पूह खंड के नेसंग, हांगो, चुलिंग, आसरंग, रोपा वैली, कुन्नोचारंग और कल्पा खंड के कल्पा और पांगी क्षेत्र में सेब की फसल प्रभावित हुई है। बर्फबारी से सेब की फ्लावरिंग पूरी तरह से झड़ गई है


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