Delhi : मणिपुर में सांप्रदायिक हिंसा और केंद्र की नीतियों के खिलाफ कांग्रेसियों ने किया मौन सत्याग्रह

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Congress did silent satyagraha against the policies of the Center

केंद्र के खिलाफ जुटे कांग्रेसी…

प्रदेश कांग्रेस ने केंद्र सरकार की नीतियों, देश के बिगड़ते हालात, मणिपुर में सांप्रदायिक हिंसा और गरीबों के लिए उठाई गई राहुल गांधी की आवाज को दबाने की कोशिश के खिलाफ रविवार को जंतर मंतर पर मौन सत्याग्रह किया। कांग्रेस के तमाम नेता व कार्यकर्ता हाथों पर काली पट्टी बांधकर सत्याग्रह में शामिल हुए।

इस मौके पर प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया ने कहा कि मणिपुर दंगों में जिस तरह दो महिलाओं को नग्न करके उनके साथ दरिंदगी की गई, उससे पूरे देश में रोष है। पिछले ढाई महीनों से अधिक समय से मणिपुर जल रहा है। भाजपा की मणिपुर सरकार हिंसा और दंगों पर नियंत्रण पाने में पूरी तरह विफल रही है।

वहीं कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का गरीबों और इन पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाने पर उसको दबाने का प्रयास किया जाना अनैतिक है। प्रदेश अध्यक्ष चौ. अनिल कुमार ने बताया कि मणिपुर पिछले ढाई महीने से जल रहा है और अशांत है, लेकिन मोदी सरकार उत्तर पूर्वी राज्य की गंभीर स्थिति के प्रति तभी जागी जब राहुल गांधी ने मणिपुर का दौरा किया।

उन्होंने शांति की सलाह देने के लिए विस्थापित लोगों से मुलाकात की और राज्य के राज्यपाल से भी मुलाकात की और उनसे राज्य में शांति और व्यवस्था लाने का अनुरोध किया, मगर मणिपुर के मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री दोनों अशांत राज्य में शांति लाने के लिए प्रयास नहीं कर है।

इस मौके पर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव तारिक अनवर, प्रदेश के पूर्व अध्यक्ष अजय माकन, जय प्रकाश अग्रवाल व अरविंदर सिंह लवली, पूर्व केंद्रीय मंत्री कृष्णा तीरथ, उत्तराखंड के प्रभारी देवेंद्र यादव, मेघालय व अरुणाचल प्रदेश के प्रभारी मनीष चतरथ, पूर्व मंत्री हारुन यूसुफ, डा. नरेंद्र नाथ व किरण वालिया, पूर्व सांसद रमेश कुमार, मीडिया कम्युनिकेशन विभाग के चेयरमैन अनिल भारद्वाज सहित पूर्व विधायकों, निगम पार्षदों, पूर्व निगम पार्षदों, जिला अध्यक्ष, ब्लाक अध्यक्ष आदि उपस्थित रहे।

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