CU Jammu: पुस्तकों में छिपी है पत्रकारिता में सफलता की कुंजी, पुस्तकें पढ़ने की डालें आदत- राजेश बादल

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Central University of Jammu

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– फोटो : अमर उजाला

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पत्रकारिता दुनिया के सबसे अच्छे व्यवसायों में से एक है। इस क्षेत्र में सफलता की कूंजी पुस्तकों में छीपी है। ज्यादा से ज्यादा पुस्तकें पढ़ने की आदत विकसित करने वाला व्यक्ति इस क्षेत्र में सफलता हासिल कर सकता है। यह बात राज्यसभा टीवी के पूर्व कार्यकारी निदेशक राजेश बादल ने 15 से 19 नवंबर तक मीडिया लेखन और कार्यक्रम निर्माण पर पांच दिवसीय एफडीपी सह प्रशिक्षण कार्यक्रम में कही। कार्यक्रम का आयोजन जम्मू केंद्रीय विवि के जनसंचार विभाग और न्यू मीडिया द्वारा किया गया, जिसका समापन शनिवार को हुआ। 

कार्यक्रम में मीडिया क्षेत्र के प्रख्यात लोगों ने संसाधन व्यक्ति के रूप में भाग लिया। इसमें आरएसटीवी के पूर्व कार्यकारी निदेशक राजेश बादल, विज्ञान प्रसार से वैज्ञानिक निमिष कपूर, न्यूज एंकर डीडी न्यूज और जी न्यूज राखी बख्शी,  सुरभि चावला, फ्रीलांसर और संपादक, जगमोहन, आकाशवाणी जम्मू को संसाधन के रूप में आमंत्रित किया गया था। इस दौरान राजेश बादल ने बायोपिक प्रोडक्शन के बारे में विस्तार से चर्चा की।

उन्होंने समाचार लिखने के सभी महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में बताए। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता के क्षेत्र में सफल होने के लिए ज्यादा से ज्यादा पुस्तकें पढ़ने की आदत विकसित करनी होगी। राखी बख्शी ने न्यूज एंकरिंग, स्पोर्ट्स, एंटरटेनमेंट और डिजिटल एंकरिंग सहित विभिन्न प्रकार की एंकरिंग के बारे में बताए। 
 
एचआर कॉन्क्लेव में उद्योगों से जुड़े मुद्दों पर की चर्चा
जम्मू। संस्थान और कॉरपोरेट के बीच संवाद को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) जम्मू ने एचआर कॉन्क्लेव के 5वें संस्करण का आयोजन किया। इसमें आईआईएम जम्मू के निदेशक प्रो. बीएस सहाय ने कहा कि चुनौतियों के बिना जीवन अर्थहीन है। उन्होंने सभी से एक मजबूत प्रगतिशील राष्ट्र के निर्माण में भाग लेने का आग्रह किया। एचआर कॉन्क्लेव का उद्देश्य उद्योग से जुड़े लोगों, शिक्षाविदों और छात्रों  के बीच उद्योगों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करना रहा। एचआर कॉन्क्लेव का विषय मैपिंग द अनचार्टेड था। यह विषय प्रतिभागियों को लीक से हटकर सोचने और एचआर के लिए नए विचारों और दृष्टिकोणों का पता लगाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए चुना गया है। सम्मेलन में मुख्य भाषण, पैनल चर्चा और ब्रेकआउट सत्र शामिल थे। पहले दिन प्रासंगिक विषयों पर चर्चा की गई।

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पत्रकारिता दुनिया के सबसे अच्छे व्यवसायों में से एक है। इस क्षेत्र में सफलता की कूंजी पुस्तकों में छीपी है। ज्यादा से ज्यादा पुस्तकें पढ़ने की आदत विकसित करने वाला व्यक्ति इस क्षेत्र में सफलता हासिल कर सकता है। यह बात राज्यसभा टीवी के पूर्व कार्यकारी निदेशक राजेश बादल ने 15 से 19 नवंबर तक मीडिया लेखन और कार्यक्रम निर्माण पर पांच दिवसीय एफडीपी सह प्रशिक्षण कार्यक्रम में कही। कार्यक्रम का आयोजन जम्मू केंद्रीय विवि के जनसंचार विभाग और न्यू मीडिया द्वारा किया गया, जिसका समापन शनिवार को हुआ। 

कार्यक्रम में मीडिया क्षेत्र के प्रख्यात लोगों ने संसाधन व्यक्ति के रूप में भाग लिया। इसमें आरएसटीवी के पूर्व कार्यकारी निदेशक राजेश बादल, विज्ञान प्रसार से वैज्ञानिक निमिष कपूर, न्यूज एंकर डीडी न्यूज और जी न्यूज राखी बख्शी,  सुरभि चावला, फ्रीलांसर और संपादक, जगमोहन, आकाशवाणी जम्मू को संसाधन के रूप में आमंत्रित किया गया था। इस दौरान राजेश बादल ने बायोपिक प्रोडक्शन के बारे में विस्तार से चर्चा की।

उन्होंने समाचार लिखने के सभी महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में बताए। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता के क्षेत्र में सफल होने के लिए ज्यादा से ज्यादा पुस्तकें पढ़ने की आदत विकसित करनी होगी। राखी बख्शी ने न्यूज एंकरिंग, स्पोर्ट्स, एंटरटेनमेंट और डिजिटल एंकरिंग सहित विभिन्न प्रकार की एंकरिंग के बारे में बताए। 

 

एचआर कॉन्क्लेव में उद्योगों से जुड़े मुद्दों पर की चर्चा

जम्मू। संस्थान और कॉरपोरेट के बीच संवाद को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) जम्मू ने एचआर कॉन्क्लेव के 5वें संस्करण का आयोजन किया। इसमें आईआईएम जम्मू के निदेशक प्रो. बीएस सहाय ने कहा कि चुनौतियों के बिना जीवन अर्थहीन है। उन्होंने सभी से एक मजबूत प्रगतिशील राष्ट्र के निर्माण में भाग लेने का आग्रह किया। एचआर कॉन्क्लेव का उद्देश्य उद्योग से जुड़े लोगों, शिक्षाविदों और छात्रों  के बीच उद्योगों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करना रहा। एचआर कॉन्क्लेव का विषय मैपिंग द अनचार्टेड था। यह विषय प्रतिभागियों को लीक से हटकर सोचने और एचआर के लिए नए विचारों और दृष्टिकोणों का पता लगाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए चुना गया है। सम्मेलन में मुख्य भाषण, पैनल चर्चा और ब्रेकआउट सत्र शामिल थे। पहले दिन प्रासंगिक विषयों पर चर्चा की गई।



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