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बाढ़ के पानी से परेशान ग्रामीण
– फोटो : अमर उजाला
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बिहार के दरभंगा में बाढ़ ने दुबारा दस्तक दे दी है। नेपाल से छोड़े गए कोसी के पानी का असर अब जिले में देखने को मिल रहा है। कुशेश्वरस्थान पूर्वी के निचले इलाके में नदी के जलस्तर के बढ़ते ही सड़क मार्ग बंद होने लगे है। नदी के जलस्तर बढ़ने से गांव में पानी प्रवेश कर गया है। वहीं, अधिकारी ने भी बाढ़ आने की पुष्टि की है।
कुशेश्वरस्थान में कमला-बलान पश्चिमी तटबंध के पूर्वी हिस्से में अवस्थित प्रखंड के छह पंचायत में नदी के जलस्तर बढ़ने के बाद क्षेत्र पानी से घिर गया है। पानी तीन से चार महीने तक रहेगा। इस इलाके में आवागमन के लिए नाव ही सहारा बचता है। सड़क पानी में डूबने से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इटहर पंचायत के चौकिया, बरनिया गांव, उसरी पंचायत, हरिनाई, कोला गांव, सिमरटोका पंचायत के उजुआ, सिमराही गांव, भिंडुआ पंचायत, सुघ्राइन पंचायत में लोगों की परेशानी बढ़ा दिया है।
कोशी नदी के जलस्तर में वृद्धि के कारण किरतपुर प्रखंड के दर्जनों गांव वर्दीपुर सिरनिया, पकरिया, अमृतनगर, लक्ष्मीपुर, भंडरिया, कदवारा, कटरिया, राम खेतरिया सहित कई गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। पानी से घिर जाने के कारण जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। सबसे ज्यादा दिक्कत ग्रामीणों को पशुओं के लिए चारा जुटाने में हो रहा हैं। लोग दूर-दूर नाव से जाकर पशुओं के चारा लाकर पशु को खिला रहे हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि इस गांव में इस महीने में दूसरी बार बाढ़ का पानी आने से लोगों कष्ट झेलना पड़ रहा हैं। ग्रामीणों को राशन, दवाइयां, पशु चारा और अन्य जरूरत के कार्यों के चलते नदी की तेज धारा में नाव के सहारे निबटारा करना पड़ रहा है।
कनीय अभियंता अश्वनी ठाकुर ने बताया की झंझारपुर में कमला नदी में लगे मापक के अनुसार 69.10 मीटर पानी है, जिसे अलार्मिंग मोड कहा जाता है। नदी में जलस्तर के बढ़ने की संभावना को लेकर बांध पर नजर रखी जा रही है। बांधो पर बने रेन कट को भी दुरुस्त किया जा रहा है। इस बाढ़ के मद्देनजर किरतपुर के सीओ आशुतोष कुमार सन्नी ने बताया कि बाढ़ प्रभावित इलाकों का मुआयना किया है। उन्होंने बताया कि प्रभावित करीब 285 लोगों के बीच पॉलीथिन का वितरण की है। इलाके में सामुदायिक रसाईघर और पीने की पानी की व्यवस्था की जा रही है।
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