Dehradun: नियामक आयोग ने महंगी बिजली का प्रस्ताव लौटाया, नियम विरुद्ध  6.5 फीसदी बढ़ा हुआ सरचार्ज किया शामिल

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उत्तराखंड में बिजली हुई महंगी।

उत्तराखंड में बिजली हुई महंगी।
– फोटो : अमर उजाला

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उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने प्रदेश में महंगी बिजली का उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) का प्रस्ताव लौटा दिया है। इस प्रस्ताव में बड़ी खामी बताई जा रही है। यूपीसीएल ने प्रस्ताव में नियमविरुद्ध तरीके से 6.5 फीसदी बढ़े हुए सरचार्ज को भी शामिल कर लिया है, जबकि ये सरचार्ज मार्च 2023 तक ही लागू है।

यूपीसीएल ने बोर्ड बैठक में प्रस्ताव पास करने के बाद 15 दिसंबर को नियामक आयोग में टैरिफ बढ़ोतरी का प्रस्ताव भेजा था। इसके तहत निगम ने घरेलू दरों में पांच प्रतिशत, गैर घरेलू में 7.8 प्रतिशत, पब्लिक यूटिलिटी में नौ प्रतिशत, उद्योगों में सात से आठ प्रतिशत, इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन के लिए पांच प्रतिशत और रेलवे के लिए चार प्रतिशत बिजली दरों में बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया था।

इसका अध्ययन करने के बाद नियामक आयोग ने पाया कि यूपीसीएल ने 6.5 फीसदी बढ़े हुए सरचार्ज को मार्च के बाद भी खुद ही लागू मानते हुए टैरिफ तैयार किया है। आयोग ने प्रस्ताव लौटा दिया है। नियामक आयोग के सदस्य तकनीकी एमके जैन ने बताया कि यूपीसीएल को 26 दिसंबर तक संशोधन प्रस्ताव देने को कहा गया है।

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उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने प्रदेश में महंगी बिजली का उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) का प्रस्ताव लौटा दिया है। इस प्रस्ताव में बड़ी खामी बताई जा रही है। यूपीसीएल ने प्रस्ताव में नियमविरुद्ध तरीके से 6.5 फीसदी बढ़े हुए सरचार्ज को भी शामिल कर लिया है, जबकि ये सरचार्ज मार्च 2023 तक ही लागू है।


यूपीसीएल ने बोर्ड बैठक में प्रस्ताव पास करने के बाद 15 दिसंबर को नियामक आयोग में टैरिफ बढ़ोतरी का प्रस्ताव भेजा था। इसके तहत निगम ने घरेलू दरों में पांच प्रतिशत, गैर घरेलू में 7.8 प्रतिशत, पब्लिक यूटिलिटी में नौ प्रतिशत, उद्योगों में सात से आठ प्रतिशत, इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन के लिए पांच प्रतिशत और रेलवे के लिए चार प्रतिशत बिजली दरों में बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया था।


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इसका अध्ययन करने के बाद नियामक आयोग ने पाया कि यूपीसीएल ने 6.5 फीसदी बढ़े हुए सरचार्ज को मार्च के बाद भी खुद ही लागू मानते हुए टैरिफ तैयार किया है। आयोग ने प्रस्ताव लौटा दिया है। नियामक आयोग के सदस्य तकनीकी एमके जैन ने बताया कि यूपीसीएल को 26 दिसंबर तक संशोधन प्रस्ताव देने को कहा गया है।

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