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मीटिंग ( प्रतीकात्मक)
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
एक करोड़ से अधिक आबादी वाले देश के 18 राज्यों में उत्तराखंड न्याय प्रदान करने के मामले में 14वें स्थान पर है। 2020 में राज्य की 15वीं रैंक थी। सभी बड़े राज्यों में कर्नाटक की रैंक सबसे ऊपर है। राजस्थान, बिहार, पश्चिमी बंगाल और पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश की ओवर ऑल रैंक उत्तराखंड से नीचे है।
यह खुलासा टाटा ट्रस्ट की पहल पर ‘सेंटर फॉर सोशल जस्टिस, कॉमन कॉज और कामनवेल्थ ह्यूमैन राइट्स इनिशिएटिव’ के सहयोग से तैयार इंडिया जस्टिस रिपोर्ट 2022 से हुआ है। इंडिया जस्टिस की पहली रिपोर्ट 2019 में आई थी। देश के हर राज्य में पुलिस, न्याय पालिका, जेल, कानूनी सहायता और मानव अधिकार सरीखे मापदंडों के आधार पर समग्र प्रदर्शन का तुलनात्मक आकलन इस रिपोर्ट में किया गया है। 2019 में उत्तराखंड की 15वीं ओवर ऑल रैकिंग थी। 2020 की रिपोर्ट में भी उत्तराखंड 15वीं रैंक पर बरकरार रहा, लेकिन 2022 रैकिंग में एक अंक का सुधार हुआ।
उत्तराखंड में जेलों के मामले में सबसे आखिरी रैंक
पुलिस, न्यायिक व्यवस्था और न्यायिक सहायता प्रदान करने के मामले में उत्तराखंड की रैकिंग सुधरी है, लेकिन जेलों के प्रबंधन के मामले में राज्य का प्रदर्शन बाकी राज्यों से खराब है। रिपोर्ट के अनुसार, एक करोड़ से अधिक की आबादी वाले 18 राज्यों में उत्तराखंड की सबसे अंतिम रैंक है। 2020 की तुलना में राज्य की रैकिंग में कोई सुधार नहीं हुआ।
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