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– फोटो : अमर उजाला
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फसल उगाने के लिए अब जमीन जोतने की जरूरत नहीं होगी। बेतहाशा पानी की जरूरत भी खत्म। छोटी जगह पर साल में तीन बार फसल पैदा की जा सकेगी। पैदावार भी जमीन पर उगने वाली फसल के मुकाबले अधिक होगी। केंद्र सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्यागिक विभाग (डीएसटी) की ओर से मिला प्रोजेक्ट झाझरा स्थित यूकॉस्ट में तैयार हो गया है। यहां कई फसलों की पैदावार की जा रही है। देशभर में इसका प्रयोग करने के बाद किसानों को इसकी सौगात मिलेगी।
क्या है तकनीकी, कैसे बढ़ेगी आय
यूकॉस्ट में सौर ऊर्जा आधारित ग्रीन हाउस हाइड्रोपोनिक प्लांट तैयार किया गया है। इसे अत्याधुनिक पॉली हाउस कह सकते हैं। इसमें फसल उगाने के लिए मिट्टी की जरूरत नहीं है। केवल 25 प्रतिशत पानी की मदद से ही फसल तैयार की जा सकती है। पानी के पाइप में पौधे लगाए जाते हैं। इस पाइप से रोजाना पोषक तत्वों से भरपूर पानी गुजारा जाता है, जो जड़ों को छूकर वापस चला जाता है।
जड़ों से पौधों को पर्याप्त पोषक तत्व मिल जाते हैं और पानी रिस्टोर हो जाता है। ज्यादा तेज धूप होने पर यहां लगे पर्दे स्वत: ही ऊपर आ जाते हैं, जिससे तापमान सामान्य हो जाता है। वहीं ठंड ज्यादा होने पर सोलर हीटर चल जाते हैं। इसे कंप्यूटर के माध्यम से चलाया जा सकता है। एंड्रायड मोबाइल ऐप भी तैयार किया गया है, जिसमें पूरी जानकारी मिलती है।
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